Edited By vasudha,Updated: 28 Jan, 2019 12:14 PM
सरकार भले ही किसानों को लेकर लाख दावे करे लेकिन हकीकत इससे विपरीत ही है। आज भी किसान की हालत नहीं बदली है। किसानों के लिए बनाई गई योजनाएं भ्रष्टाचार का शिकार हो रही हैं। छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक बिना चढ़ावे के किसानों का काम नहीं कर रहे...
नेशनल डेस्क: सरकार भले ही किसानों को लेकर लाख दावे करे लेकिन हकीकत इससे विपरीत ही है। आज भी किसान की हालत नहीं बदली है। किसानों के लिए बनाई गई योजनाएं भ्रष्टाचार का शिकार हो रही हैं। छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक बिना चढ़ावे के किसानों का काम नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला तेलंगाना का भी सामने आया है जहां एक किसान रिश्वत देने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार तेलंगाना के जयशंकर भूपलपल्ली जिले में रहने वाले 75 वर्षीय बसावैया और उसकी पत्नी लक्ष्मी को अपनी जमीन के लिए पट्टादार पासबुक चाहिए था। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार के. सत्यनारायण से संपर्क किया। उनकी मदद के बदले तहसीलदार ने एक लाख की रिश्वत मांगी। किसान के पास इतनी रकम नहीं थी कोई रास्ता न मिलने पर उन्होंने अपनी पत्नी के साथ भीख मांगना शुरू कर दिया।
जिला कलेक्टर वसम वेंकटेश्वरलू को जब इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने किसान दंपति को अपने दफ्तर बुलाया और सत्यापन के बाद उन्हें पट्टादार पासबुक दे दिया। वहीं अधिकारी का दावा है कि उनसे किसी भी तरह की रिश्वत की मांग नहीं की गई थी, उस जमीन के एक हिस्से को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही थी।