ये हैं देश के पहले 'गे प्रिंस', अपने महल में बनाने जा रहे हैं LGBT सेंटर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 12:59 AM

this first gay prince going to build lgbt center

अपने ''गे'' होने की बात खुद ही स्वीकारने के बाद राजपीपला के राजकुमार ''गे'' मानवेंद्र को भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी पहचाना जाने लगा है। मानवेंद्र गोहित समलैंगिकों के लिए कई कदम उठाते रहे हें। उन्होंने राजपीपला में समलैंगिकों के लिए एक...

नेशनल डेस्क: अपने 'गे' होने की बात खुद ही स्वीकारने के बाद राजपीपला (गुजरात के नर्मदा जिले का एक नगर) के राजकुमार 'गे' मानवेंद्र को भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी पहचाना जाने लगा है। मानवेंद्र गोहित समलैंगिकों के लिए कई कदम उठाते रहे हें। उन्होंने राजपीपला में समलैंगिकों के लिए एक वृद्धाश्रम भी स्थापित किया। इस आश्रम का नाम अमेरिकन लेखिका 'जैनेट' पर रखा गया है। यह भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का पहला 'गे' आश्रम है।
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अब 'गे प्रिंस' मानवेंद्र सिंह गोहिल के शाही पैलेस को LGBTQ (लेजबियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर) कम्युनिटी के लिए पहला रिसोर्स सेंटर के रूप में विकसित करेंगे, जिसे 'हनुमंतेश्वर 1927' नाम दिया गया है। इस महल का निर्माण उनके पूर्वजों ने 15 एकड़ जमीन पर कराया था जो नर्मदा जिले में राजपिपाला से 15 किलोमीटर दूर स्थित है।
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प्रिंस गोहिल ने कहा कि राजपिपाला के अंतिम शासक और मेरे दादाजी महाराजा विजयसिंहजी ने इस शाही संपत्ति का निर्माण कराया था। इस महल में अब तक भारत के वायसराय, हॉलीवुड सितारों समेत कई नामचीन हस्तियां आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां पर यौन अल्पसंख्यकों के लिए यहां पर एक रिसोर्स सेंटर बना रहा हूं। वह इस सेंटर को LGBTQA सेंटर नाम से बुलाते हैं। यहां A से मतलब उन सहयोगियों से है जो इस समुदाय के अधिकारों का समर्थन करते हैं। प्रिंस गोहिल ने कहा कि यह केंद्र LGBTQ समुदाय को कंप्यूटर, अंग्रेजी भाषा और अन्य चीजों का प्रशिक्षण देगा ताकि वे रोजगार पा सकें और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो सकें। 

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