ऑफ द रिकॉर्डः ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ खाते से सोना कमाने का घोटाला मोदी ने ऐसे पकड़ा

Edited By Pardeep,Updated: 14 Feb, 2021 06:25 AM

this is how modi caught the scam of earning gold from the epf account

तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने जब नवम्बर 1951 में कर्मचारी भविष्य निधि (ई.पी.एफ.) आरंभ की थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह अमीर कर्मचारियों और नौकरशाहों के हाथों में चांदी कूटने का हथियार बन जाएगी। यह सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र के...

नई दिल्लीः तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने जब नवम्बर 1951 में कर्मचारी भविष्य निधि (ई.पी.एफ.) आरंभ की थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह अमीर कर्मचारियों और नौकरशाहों के हाथों में चांदी कूटने का हथियार बन जाएगी। यह सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की सहायता के लिए शुरू की गई थी जिसमें नियोक्ता की ओर से कर्मचारियों के ई.पी.एफ. खाते में 12 प्रतिशत का योगदान देना तय हुआ था। 

कर्मचारी अपने खातों में चाहे जितनी रकम जमा कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं रखी गई। इस रकम पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं है। इस छिद्र का लाभ उठाकर निजी कंपनियों व सार्वजनिक उपक्रमों में मोटा वेतन पाने वाले कर्मचारियों ने नौकरशाहों के साथ सांठगांठ करके अपने वेतन को सोना बनाया। उदाहरण के लिए कुछ अमीर कर्मचारी अपना पूरा वेतन ई.पी.एफ. खातों में जमा करवा देते थे। 

यह घोटाला पिछले 70 सालों से चल रहा था। इन चालबाज नौकरशाहों, जिन्होंने इस स्कीम से सबसे अधिक पैसा बनाया, ने कभी किसी भी वित्तमंत्री को इस ‘सोने की गुप्त खान’ के बारे में हवा तक नहीं लगने दी। लेकिन कहते हैं कि पाप का घड़ा एक न एक दिन तो भरता ही है। इन शातिर नौकरशाहों के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ खड़े हुए। मोदी में यह बड़ा गुण है कि उन्हें यह भनक पता नहीं कैसे लग जाती है कि ‘यहां मामला गड़बड़ है’। 

उन्होंने पिछले सालों का ई.पी.एफ. रिकॉर्ड मंगवाकर जब उसकी जांच करवाई तो हैरान कर देने वाला सच सामने आया। एक कर्मचारी के ई.पी.एफ. अकाऊंट में एक बार में 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा करवाई गई थी। इतनी बड़ा रकम ई.पी.एफ. खाते में जमा कराने का फायदा क्या था? यह बात सामने आई कि ऐसे कर्मचारी ई.पी.एफ. से साल दर साल 50 से 60 लाख तक कर-रहित आय कमा रहे थे। 

मोटा लाभ कमाने वाले ऐसे कर्मचारियों की संख्या 1.20 लाख है जिन्होंने अपने ई.पी.एफ. खातों में 62,500 करोड़ रुपए जमा कर रखे थे। इस समय कुल 5 करोड़ ई.पी.एफ. खाताधारक हैं। 1 फरवरी 2021 को ई.पी.एफ. में कुल जमा रकम 7 लाख करोड़ थी। यह योजना 15,000 रुपए या अधिक कमाने वाले कर्मचारियों के लिए है। केंद्रीय बजट में ई.पी.एफ. खाते से कर-रहित अधिकतम आय प्रतिवर्ष 2.5 लाख तय कर दी गई है जबकि पहले यह 50 लाख तक पहुंच गई थी तथा ऐसे एक और लूट-खसूट रोक दी गई।           

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