'मैं Ratan Tata बोल रहा हूं... 'क्या हम मिल सकते हैं? इस कपल की किस्मत बदल गई

Edited By Mahima,Updated: 11 Oct, 2024 09:35 AM

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रतन टाटा का हालिया निधन ने देश को शोक में डाल दिया। उनके एक फोन कॉल ने अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज की स्टार्टअप "Repos Energy" की किस्मत बदल दी। दोनों ने रतन टाटा से मिलने का प्रयास किया, जिससे उन्हें निवेश मिला। यह कहानी यह दर्शाती है कि सही...

नेशनल डेस्क: भारत के उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा का हाल ही में निधन हो गया, जिसने न केवल व्यापारिक दुनिया को बल्कि समस्त देश को गहरा दुख दिया। रतन टाटा एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनका प्रभाव न केवल व्यवसाय में बल्कि समाज के हर क्षेत्र में देखने को मिला। उन्होंने अपने जीवन में अनेक युवा उद्यमियों की मदद की और उनके सपनों को सच करने में सहायता की। उनकी एक प्रेरक कहानी सामने आई है, जिसमें उनके एक फोन कॉल ने एक स्टार्टअप कपल की किस्मत बदल दी।

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Repos Energy: फ्यूल डिलीवरी का अनूठा आइडिया
अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने मिलकर "Repos Energy" नामक स्टार्टअप की शुरुआत की। यह स्टार्टअप फ्यूल डिलीवरी पर आधारित था, जिसका मुख्य उद्देश्य घरों तक ईंधन की पहुंच सुनिश्चित करना था। इस स्टार्टअप का विचार अदिति और चेतन के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे एक नई तकनीक के माध्यम से फ्यूल डिलीवरी सिस्टम को बदलने का सपना देख रहे थे। जब उन्होंने अपने स्टार्टअप की योजना बनाई, तो उनका सबसे बड़ा सपना था कि उन्हें रतन टाटा का मार्गदर्शन प्राप्त हो। रतन टाटा केवल एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपने करियर में कई सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया। उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रेरित किया।

प्रोजेक्ट के लिए एक 3डी प्रेजेंटेशन किया तैयार 
अदिति ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर एक विस्तृत पोस्ट में बताया कि कैसे उन्होंने और चेतन ने अपने प्रोजेक्ट के लिए एक 3डी प्रेजेंटेशन तैयार किया। इस प्रेजेंटेशन में उनके स्टार्टअप के लक्ष्यों और तकनीक का बखान किया गया था। इसमें फ्यूल डिलीवरी सिस्टम में सुधार की योजना भी शामिल थी, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक प्रभावी और कुशल थी। अदिति और चेतन ने अपने प्रेजेंटेशन के साथ रतन टाटा को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी योजनाओं और दृष्टिकोण का वर्णन किया। लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया, तो उन्होंने हार नहीं मानी। उनके अंदर की उम्मीद ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि यदि वे सच में रतन टाटा से मिलना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कुछ विशेष करना होगा।

रतन टाटा के घर के बाहर 12 घंटे का इंतजार
अदिति और चेतन ने निर्णय लिया कि वे रतन टाटा से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। वे रतन टाटा के घर के बाहर पहुंचे और वहां लगभग 12 घंटे इंतजार किया। यह एक चुनौतीपूर्ण अनुभव था, क्योंकि इस दौरान उन्होंने न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी अपनी क्षमता को परखा। हालांकि, उनकी मुलाकात नहीं हो पाई और थकावट के चलते वे घर लौटने के लिए मजबूर हो गए। लेकिन वे इस बात से निराश नहीं हुए। घर लौटते समय, उनके लिए एक सुखद आश्चर्य था।

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एक महत्वपूर्ण फोन कॉल
जब अदिति और चेतन होटल लौट रहे थे, तभी अदिति के फोन पर एक कॉल आई। उन्होंने फोन उठाया और दूसरी तरफ रतन टाटा की आवाज सुनी। रतन टाटा ने कहा, "मैं रतन टाटा बोल रहा हूं, मुझे तुम्हारा लेटर मिला, क्या हम मिल सकते हैं?" यह सुनकर अदिति और चेतन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह पल उनके लिए एक सपने की तरह था। अगले दिन उन्होंने रतन टाटा से मुलाकात की, जो उनकी जीवन की सबसे महत्वपूर्ण मुलाकातों में से एक थी। 

महत्वपूर्ण मुलाकात और निवेश
अदिति और चेतन की रतन टाटा से यह मीटिंग लगभग तीन घंटे तक चली। उन्होंने रतन टाटा को अपने बिजनेस आइडिया, लक्ष्य और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। रतन टाटा ने उनकी मेहनत और विचारों की सराहना की और उन्हें मार्गदर्शन दिया। इस मीटिंग का परिणाम यह हुआ कि टाटा समूह ने 2019 में उनके स्टार्टअप में पहला निवेश किया और फिर 2022 में दूसरा निवेश भी किया। यह निवेश उनके व्यवसाय को एक नई दिशा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ।

रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा की उदारता और व्यवसायिक दृष्टिकोण ने न केवल अदिति और चेतन को प्रेरित किया, बल्कि उनके जैसे अनेक युवा उद्यमियों के लिए मिसाल कायम की। उनका यह किस्सा यह दर्शाता है कि कैसे एक साधारण फोन कॉल किसी की जीवन की दिशा बदल सकता है। रतन टाटा का योगदान युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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निधन और शोक की लहर
रतन टाटा का निधन 86 वर्ष की आयु में हुआ। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में किया गया। उनका जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा थी, जिसमें उन्होंने न केवल व्यवसाय में बल्कि समाज में भी परिवर्तन लाने का काम किया। उनका निधन केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक युग का अंत था। रतन टाटा के इस प्रेरक किस्से ने साबित किया कि अगर आप अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित हैं और आपके पास सही मार्गदर्शन है, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। अदिति और चेतन की कहानी यह सिखाती है कि जब आप अपनी मेहनत के साथ दृढ़ता रखते हैं, तो सही मौके आपके दरवाजे पर दस्तक देते हैं। रतन टाटा की विरासत और उनके द्वारा छोड़ी गई प्रेरणा सदैव जीवित रहेगी, और वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।

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