Edited By vasudha,Updated: 16 Apr, 2021 10:23 AM
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोराेना के बिगड़ते हालात और इसके जल्द से जल्द समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखे हैं। पहले पत्र में उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन और रेमेडिसविर की सुचारू आपूर्ति की मांग की है।वहीं दूसरे पत्र...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोराेना के बिगड़ते हालात और इसके जल्द से जल्द समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखे हैं। पहले पत्र में उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन और रेमेडिसविर की सुचारू आपूर्ति की मांग की है।वहीं दूसरे पत्र में उन उपायों के बारे में लिखा है, जिन्हें लोगों को राहत पहुंचाये जाने की आवश्यकता है क्योंकि राज्य में कोरोना की भयावह स्थिति को रोकने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाये गये हैं।
महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की किल्लत
महाराष्ट्र में चिकित्सा उपयोग में आने वाली ऑक्सीजन की किल्लत की खबराें के बीच ठाकरे ने कहा कि इसकी आवश्यकता अप्रैल के अंत तक 2,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक पहुंच सकती है, ऐसे में सरकार देश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में इस्पात संयंत्रों से ऑक्सीजन को हवाई मार्ग से लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अनुमति दे। एक दिन पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि प्रदेश सरकार के कोविड-19 कार्यबल के सदस्य और विशेषज्ञों ने इंगित किया है कि ऑक्सीजन सिलेंडरों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के कारण इस जीवन रक्षक गैस की कमी हो रही है।
कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा मानें: ठाकरे
इसके साथ ही ठाकरे ने अपने पत्र में अनुरोध किया कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम का गठन केंद्रीय आपदा प्रबंधन कानून के हिस्से के तौर पर किया गया था, इसलिये महामारी प्रभावित लोगों की मदद के लिये एसडीआरएफ के उपयोग को लेकर राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र को बुधवार को यह पत्र मंजूरी के लिये लिखा था।
महाराष्ट्र को लेकर चिंतित सरकार
फिलहाल बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं, भारी बारिश के जहां जान-माल का नुकसान हुआ हो, प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आते हैं और प्रभावित लोगों को आर्थिक मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसे ही उद्देश्यों के लिये एसडीआरएफ का इस्तेमाल करना चाहते हैं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रदेश में हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। हमें इसके लिये कानूनी प्रावधान की जरूरत है, इसलिये प्रदेश सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है।