Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 07:13 PM
मोदी देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अपने नाम और साख को लेकर सदैव सतर्क रहते हैं और इस बात का खासा ध्यान रखते हैं...
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अपने नाम और साख को लेकर सदैव सतर्क रहते हैं और इस बात का खासा ध्यान रखते हैं कि उनका कोई भी नजदीकी उनके नाम का बेजा इस्तेमाल न कर सके। पिछले दिनों सीबीआई ने जेपी सिंह को पकड़ा है जिन्होंने नरेन्द्र मोदी विचार मंच नामक संस्था का गठन कर इस संस्था से 7-8 लाख लोगों को जोड़ दिया था। इस संस्था ने कई गोष्ठियों का भी आयोजन किया था।
सीबीआई ने इस व्यक्ति को कोई काम करवाने के एवज में पैसे लेते हुए पकड़ा। ठीक इसी तर्ज पर देश के एक प्रमुख न्यूज चैनल में सुशोभित यूपी से ताल्लुक रखने वाले संपादक को भी सीबीआई ने नहीं बख्शा चूंकि यह मोदी व शाह की नजदीकियों की आड़ में मोटा पैसा बनाने का उपक्रम साध रहे थे और मैडीकल कालेज में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे थे।
जब पिछले दिनों इस संपादक की पुत्री का विवाह समारोह था तो उस मौके पर स्वयं मोदी, शाह और मोदी कैबिनेट के कई वरिष्ठ मंत्रियों की उपस्थिति देखी गई थी। हालांकि सीबीआई ने अपनी एफआईआर में इस संपादक का नाम नहीं दिया है, सिर्फ सवाल पूछे जाने वाले व्यक्तियों की सूची में इनका नाम दर्ज है, बावजूद इसके भाजपा के करीबी माने जाने वाले इस चैनल ने तुरंत ही अपने इस खास व्यक्ति को बाहर का दरवाजा दिखा दिया और साफ शब्दों में कहा कि करप्शन को लेकर उनके यहां जीरो टॉलरैंस की पॉलिसी है। सो, अगर मोदी अपने संबोधनों में मिडल मैन के दुखी होने की तान छेड़ते हैं तो वाकई इसके गंभीर निहितार्थ हैं।मिर्च-मसाला(त्रिदीब रमण)