केंद्र ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार की सुरक्षा समेत श्रम सुधारों से जुड़े तीन बिल किए पेश, विपक्ष ने किया हंगामा

Edited By Yaspal,Updated: 19 Sep, 2020 10:00 PM

three bills related to labor code introduced in lok sabha

लोकसभा में शुक्रवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 पेश किये गये जिसमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिकी...

नई दिल्लीः लोकसभा में शुक्रवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 पेश किये गये जिसमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिकी विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किये गए हैं। लोकसभा में श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने इन तीनों संहिताओं संबंधी विधेयक को पेश किया । इससे पहले गंगवार ने उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 को वापस लिया जो पहले पेश किये गये थे।

श्रम मंत्री ने कहा कि चूंकि इन विधेयकों को श्रम संबंधी स्थायी समिति को भेजा गया था और समिति ने इस पर 233 सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपा है। इनमें से 174 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद नया विधेयक पेश किया जा रहा है। इससे पहले, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 को वापस लेने का विरोध करते हुए कहा कि वे तकनीकी आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं। चूंकि इन विधेयकों को श्रम संबंधी स्थायी समिति को भेजा गया और समिति ने रिपोर्ट सौंप दी, ऐसे में इन विधेयकों को वापस लेने से पहले समिति से संवाद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि क्या समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया।

दूसरी ओर, कांग्रेस के मनीष तिवारी और शशि थरूर और माकपा के ए एम आरिफ ने नये विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया। मनीष तिवारी ने कहा कि नया विधेयक लाने से पहले श्रमिक संगठनों और संबंधित पक्षों के साथ फिर से चर्चा की जानी चाहिए थी। अगर यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है तो मंत्रालय को फिर से यह पक्रिया पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नये विधेयकों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि लोग इस पर सुझाव दे सकें। इसमें प्रावसी मजदूरों की परिभाषा स्पष्ट नहीं है। तिवारी ने कहा कि श्रमिकों से जुड़े कई कानून अभी भी इसके दायरे से बाहर हैं, इस पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि विधेयक को वापस लिया जाए और आपत्तियों को दूर करने के बाद इन्हें लाया जाए।

कांग्रेस के ही शशि थरूर ने कहा कि अंतर राज्य प्रवासी श्रमिक के बारे में स्पष्टता नहीं है। इन विधयकों को नियमों के तहत पेश किये जाने से दो दिन पहले सदस्यों को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इसमें श्रमिकों के हड़ताल करने पर गंभीर रूप से रोक की बात कही गई है। इसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं। विधेयकों को पेश करते हुए श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 44 कानूनों के संबंध में चार श्रम संहिता बनाने की प्रक्रिया बहुत व्यापक स्तर पर की गई। उन्होंने कहा कि सबसे पहले इस विषय पर विचार 2004 में आया और इसके बाद 10 साल तक कुछ नहीं हुआ। मोदी सरकार आने के बाद इस पर काम शुरू हुआ। इसके तहत नौ त्रिपक्षीय वार्ताएं हुई, 10 बार क्षेत्रीय विचार विमर्श हुए, 10 बार अंतर मंत्रालयी परामर्श हुआ, चार उप समिति स्तर की चर्चा हुई।

श्रम मंत्री ने कहा कि संहिताओं को 3 महीने के लिये वेबसाइट पर रखा गया और इस पर लोगों से 6 हजार सुझाव प्राप्त हुए । इसे श्रम संबंधी स्थायी समिति को भेजा गया और समिति ने इस पर 233 सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपा है। इनमें से 174 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद नया विधेयक पेश किया जा रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!