Edited By Yaspal,Updated: 16 Feb, 2020 09:59 PM
कर्नाटक के हुबली में पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करने एवं देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीनों कश्मीरी छात्रों को पुलिस ने बांड भरवाकर छोड़ दिया है। हुबली के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले तीनों कश्मीरी छात्रों पर
नेशनल डेस्कः कर्नाटक के हुबली में पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करने एवं देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीनों कश्मीरी छात्रों को पुलिस ने बांड भरवाकर छोड़ दिया है। हुबली के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले तीनों कश्मीरी छात्रों पर पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर डालने का आरोप है। तीनों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त आर. दिलीप ने कहा, छात्रों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 169 के तहत छोड़ा गया है। आरोपितों ने यह बांड भरा है कि जब भी उन्हें समन किया जाएगा, वे पुलिस के समक्ष उपस्थित होंगे। जांच अधिकारी सीआरपीसी की धारा 169 का इस्तेमाल तब करता है, जब आरोपित को कोर्ट में पेश करने लायक उसके पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं होता। कश्मीरी छात्रों को जमानत दिए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि वे भ्रमित हो गए हैं। यह मामला काफी संवेदनशील है और पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है।
मालूम हो कि पाकिस्तान समर्थक और आजादी के नारे लगाने की शिकायतों को लेकर तीनों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही थी। आरोप है कि छात्रों ने पुलवामा आतंकी हमले की पहली बरसी पर पाकिस्तान समर्थित नारे लगाए थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरू से 410 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित हुबली की घटना के आरोपियों की पहचान आमिर, बासित और तालिब के तौर हुई थी। तीनों छात्र कश्मीर के शोपियां जिले के रहने वाले हैं। केएलई इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत तीनों छात्रों के खिलाफ सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में आइपीसी की धारा 124 के तहत केस दर्ज किया गया था।