असम में तीन चरणों 27 मार्च, 1 और 6 अप्रैल को होंगे विधानसभा चुनाव, क्या बीजेपी बचा पाएगी अपना किला?

Edited By Yaspal,Updated: 26 Feb, 2021 07:24 PM

three phases in assam assembly elections to be held on 27 march 1 and 6 april

चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को तारीखों का ऐलान कर दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में 8 चरण, असम 3 चरण और तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी में एक चरण में चुनाव संपन्न होंगे। तारीखों के ऐलान से पहले ही सभी राजनीतिक पार्टियों...

नेशनल डेस्कः चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को तारीखों का ऐलान कर दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में 8 चरण, असम 3 चरण और तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी में एक चरण में चुनाव संपन्न होंगे। तारीखों के ऐलान से पहले ही सभी राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौंक दी है।

भाजपा ने झौंकी ताकत
भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी, अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जनसभाएं कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां और गोष्ठियों में भाग ले रहे हैं। पश्चिम बंगाल में ममता अकेले भाजपा से लोहा लेती दिखाई दे रही हैं।

पांच राज्यों में असम में भाजपा अपने दम पर सत्ता में तो तमिलनाडु में एआईडीएमके के साथ गठबंधन के साथ सरकार में हैं। असम में भाजपा के लिए चुनौतियां बहुत हैं क्योंकि पिछले पांच सालों से वह सरकार में है और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल अंदरूनी चनौतियों से घिरे हुए हैं। ऐसे में भाजपा ने उन्हें दोबारा सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया है।

असम में सर्वानंद सोनोवाल नहीं होंगे सीएम फेस
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, पार्टी वहां चुनाव कोई एक चेहरा आगे रखकर नहीं लड़ेगी यानी मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि अमूमन चुनावी राज्यों के मुख्यमंत्री स्वाभाविक तौर पर, सीएम पद के दावेदार माने जाते हैं। दरअसल, बीजेपी ने असम में पार्टी  के अंदरुनी समीकरणों के चलते यह फ़ैसला किया है। असम में हेमंत बिस्वा शर्मा और दिलीप सैकिया जैसे ताक़तवर नेताओं की मौजूदगी मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल पर भारी पड़ रहीं है।

सोनेवाल आरएसएस और बीजेपी की पृष्ठभूमि के नहीं हैं। पार्टी विधायकों और संगठन से ठीक तालमेल न होना भी उनके लिए भारी पड़ा है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सोनेवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। तब वे मोदी सरकार में मंत्री थे, लेकिन स्थानीय समीकरण अभी भारी पड़ रहे हैं। राज्य में दिलीप सैकिया और हेमंत बिस्व शर्मा पार्टी और सरकार पर भारी पड़ते हैं। उन्हें फिलहाल दूसरी जिम्मेदारियां दे रखी हैं। जहां दिलीप सैकिया को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया तो वहीं हेमंत बिस्वा शर्मा नेडा यानी उत्तर पूर्व प्रजातांत्रिक गठबंधन के अध्यक्ष हैं। शर्मा उत्तर पूर्व में पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार हैं।

126 सीटों वाली असम की विधानसभा में भाजपा के पास 61 सीटें हैं। क्षेत्रीय पार्टी असम गण परिषद (AGP) के पास 14 सीटें बीपीएफ के पास 12 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस 25, एआईयूडीएफ 13 और एक निर्दलीय विधायक है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!