Edited By Anil dev,Updated: 30 Jun, 2020 01:33 PM
भारत ने चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक भी शामिल हैं। टिकटॉक के बैन होते ही चीन को बड़ा झटका लगा है। बैन के कुछ घंटों बाद ही टिक टॉक अधिकारियों के तरफ से सफाई देते हुए बयान भी आने लगे।
नई दिल्ली: भारत ने चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक भी शामिल हैं। टिकटॉक के बैन होते ही चीन को बड़ा झटका लगा है। बैन के कुछ घंटों बाद ही टिक टॉक अधिकारियों के तरफ से सफाई देते हुए बयान भी आने लगे। इस एप के भारत में करोड़ों यूजर हैं। एक एप को इस्तेमाल करने वालों की संख्या हर साल बढ़ती ही गई है। 2018 में जितने टिकटॉक के यूजर थे 2019 में उसके 6 गुना हो गये थे।
2019 में भारतीयों ने 5.5 अरब घंटे चलाया था
आंकड़ों की माने तो 2019 में भारतीयों ने 5.5 अरब घंटे टिकटॉक चलाया था। इस बारे में मोबाइल और डेटा ऐनालिटिक्स फर्म एप एनी के अनुसार, ऐंडॉयड यूजर्स ने साल 2018 में कुल 9 करोड़ घंटे ही टिक-टॉक पर बिताए थे।वहीं, अगर टिकटॉक की ग्रोथ को देखा जाए तो इसमें फेसबुक जैसी सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी पीछे छोड़ दिया था। आंकड़ों पर नजर डाले तो दिसंबर 2019 में टिक-टॉक के एक महीने के ऐक्टिव यूजर्स की संख्या 81 मिलियन हो गई थी। ये दिसंबर 2018 की तुलना में 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। टिक-टॉक के जरिये भारत चीन से बाहर सबसे बड़े एप बाजार के रूप में उभर सका था। वहीं अगर फेसबुक की बात करें तो साल 2019 में 25.5 अरब घंटे भारतीयों ने बिताए थे। जबकि ये ग्रोथ 2018 से सिर्फ 15त्न की ग्रोथ है। लेकिन इसके साथ ही दिसंबर 2019 में फेसबुक के महीने के ऐक्टिव यूजर्स की संख्या में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई थी।
ये एप देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक
सरकार ने कहा कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं । प्रतिबंधित सूची में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं। ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है। भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे।
आईटी मंत्रालय ने जारी किया आधिकारिक बयान
आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं। बयान में कहा गया, च्च्भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
यह कदम करोड़ों भारतीय मोबाइल के हितों की रक्षा करेगा
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी। बयान में कहा गया है, च्च्इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है। बयान में कहा गया है कि यह कदम करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। फैसले पर इन कंपनियों की टिप्पणी फिलहाल नहीं मिल सकी है। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार अलीबाबा, टेंसेंट, टीआर कैपिटल और हिलहाउस कैपिटल सहित चीनी निवेशकों ने 2015 से 2019 के बीच भारत के स्टार्टअप कंपनी क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है।