Edited By Anil dev,Updated: 01 Jul, 2020 03:31 PM
भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद इसको सही और गलत ठहराने का लेकर शुरू हुई बहस के बीच कुछ ‘टिकटॉक इन्फ्लुएंसर'' का कहना है कि अगर प्रतिभा है तो मंच मायने नहीं रखता। टिकटॉक छोटी वीडियो बनाने का एक मंच है, जिस पर वीडियो डालने वालों को ‘टिकटॉक...
नई दिल्लीः भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद इसको सही और गलत ठहराने का लेकर शुरू हुई बहस के बीच कुछ ‘टिकटॉक इन्फ्लुएंसर' का कहना है कि अगर प्रतिभा है तो मंच मायने नहीं रखता। टिकटॉक छोटी वीडियो बनाने का एक मंच है, जिस पर वीडियो डालने वालों को ‘टिकटॉक इन्फ्लुएंसर' कहा जाता है। सरकार ने सोमवार को टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। इस पर फरीदाबाद के 23 वर्षीय सुकृत जैन का ‘द ग्रेट इंडियन फूडी' नाम से टिकटॉक पर अकाउंट है और उन्हें भी सरकार के प्रतिबंध के फैसले से कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने से क्या होता है। इससे अच्छी सामग्री (कंटेंट) बनना कभी बंद नहीं होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी प्रतिभा हमें यहां तक लाई है और मुझे यकीन है अगर यह मंच नहीं तो कहीं और लेकिन निश्चित ही हमें फिर पहचान मिलेगी।'' सुकृत ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।
हम पीएम मोदी के साथ
इन्हीं में से एक निहारिका जैन को भी टिकटॉक पर प्रतिबंध पर कोई आपत्ति नहीं है। जैन के टिकटॉक पर 28 लाख प्रशंसक (फॉलोअर्स) हैं और वह एक महीने में 30 हजार रुपये तक कमा लेती हैं। निहारिका जैन ने कहा कि यह प्रतिभा की बात है और वह इसके लिए दूसरे मंच का इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हम ‘कंटेंट क्रिएटर' हैं और हमारी प्रतिभा ने हमें लोकप्रिय बनाया है। अगर टिकटॉक नहीं तो, मैं अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए दूसरे मंच का इस्तेमाल कर सकती हूं।'' उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस कदम को पूरी तरह समझती हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा समर्थन करती हैं।