Edited By shukdev,Updated: 20 Feb, 2019 07:00 PM
पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने का मुद्दा चर्चाओं में है। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इससे अलगाववादियों को...
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने का मुद्दा चर्चाओं में है। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इससे अलगाववादियों को प्रोत्साहित मिलता है और देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा होता है।
भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करती है। 1947 में विभाजन के समय जब जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई। उस समय जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह स्वतंत्र रहना चाहते थे। इसी दौरान पाकिस्तान समर्थित कबिलाइयों ने जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर दिया, जिसके बाद बाद उन्होंने भारत में विलय के लिए सहमति दी।
उस समय आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर कश्मीर का भारत में विलय करने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करने का समय नहीं था। इसलिए संघीय संविधान सभा में गोपालस्वामी आयंगर ने धारा 306-ए का प्रारूप पेश किया। यही बाद में धारा 370 बनी। जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले हैं। 1951 में राज्य को संविधान सभा को अलग से बुलाने की अनुमति दी गई। नवंबर, 1956 में राज्य के संविधान का कार्य पूरा हुआ। 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया।