Edited By shukdev,Updated: 29 Aug, 2018 06:06 PM
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में मंगलवार को आमदांगा ग्राम पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। पुलिस...
बैरकपुर : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में मंगलवार को आमदांगा ग्राम पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बुधवार को बताया कि दोनों दलों ने संघर्ष के दौरान एक दूसरे पर पेट्रोल बम और गोलियों से हमला किया।
इस संघर्ष में माकपा के एक और टीएमसी के दो कार्यकर्ता मारे गए। उनकी पहचान टीएमसी कार्यकर्ता नासिर हल्दर तथा कुडुस गनी और माकपा कार्यकर्ता मुज्जफर अहमद के रूप में हुई हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया पश्चिम बंगाल में संघर्ष की शुरुआत उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद हुई जिसमें राज्य चुनाव आयोग को 20 हजार विजयी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने का आदेश दिया गया है। इस फैसले के बाद से ही पूरे राज्य में संघर्ष का दौर शुरू हो गया। शनिवार से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हुए इस तरह के संघर्ष में अभी तक नौ लोगों की जान जा चुकी हैं।
दोनों दलों के बीच संघर्ष अमदंगा ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले ताराबेरिआ, मोरिचा और बोदई में ग्राम पंचायत गठन को लेकर शुरू हुआ। सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया है कि इस तरह के संघर्ष के लिए सत्ताधारी टीएमसी जिम्मेदार है क्योंकि तीनों इलाकों में माकपा को बहुमत हासिल हुआ था। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के कारण पंचायत बोर्ड के गठन को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को कुचल दिया गया है। इस बीच उत्तर 24 परगना के टीएमसी प्रभारी ज्योतिप्रियो मल्लिक ने माकपा पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने भाजपा और कांग्रेस के साथ मिलकर इलाके में बम का पहुंचाया जिसका इस्तेमाल संघर्ष के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध किया गया।