Edited By Utsav Singh,Updated: 28 Aug, 2024 05:37 PM
कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। TMC नेता ने राष्ट्रपति के बयान पर अपनी टिप्पणी दी है,...
पश्चिम बंगाल : कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने बयान में कहा कि वह इस घटना से अत्यंत निराश और भयभीत हैं। उन्होंने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अब बहुत हो चुका है।राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी उल्लेख किया कि वह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों से गहरे दुखी हैं। उन्होंने कहा कि समाज को ईमानदारी और पूर्वाग्रह से मुक्त आत्मावलोकन की आवश्यकता है और हमें खुद से कड़े सवाल पूछने की जरूरत है। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी बताया कि कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता है।
TMC ने राष्ट्रपति के बयान पर अपनी टिप्पणी दी
इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने राष्ट्रपति के बयान पर अपनी टिप्पणी दी है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति के विचारों की पुष्टि की और मामले की गंभीरता को स्वीकार किया। कुणाल घोष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आरजी कर अस्पताल में हुए मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चिंता व्यक्त की है। उनका बयान आ गया है, लेकिन हमारी पार्टी और हम सभी न्याय के पक्ष में हैं और हम चाहते हैं कि आरोपी को मौत की सजा मिले।
हाथरस और बृजभूषण शरण सिंह के मामले में चुप क्यों थी ?
कुणाल घोष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा, "राष्ट्रपति ने अब इस मामले पर क्यों प्रतिक्रिया दी है? उन्नाव, हाथरस, महाराष्ट्र, बदलापुर, उत्तराखंड जैसे कई मामलों में राष्ट्रपति ने पहले क्यों नहीं बोला? जब गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था, तब राष्ट्रपति का क्या रुख था? अब जब बंगाल में इस तरह की घटना हुई है, तो इसे एक सामाजिक अपराध के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाओं पर राष्ट्रपति ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हम राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, लेकिन कृपया इस प्रकार का आचरण न करें।"