Edited By shukdev,Updated: 21 Jan, 2020 09:04 PM
पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को बताया कि टीएमसी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 27 जनवरी को विधानसभा में प्रस्ताव पेश....
कोलकाता: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को घोषणा की कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 27 जनवरी को एक प्रस्ताव लाया जाएगा। इस विवादास्पद कानून के खिलाफ केरल और पंजाब विधानसभाओं के बाद इस तरह का यह तीसरा कदम है। सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं किए जाने के लिए भाजपा विरोधी बड़ी पार्टियों की ओर से बढ़ती आलोचना के बीच तृणमूल कांग्रेस की यह घोषणा सामने आई है। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 20 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष को नियम 169 के तहत एक प्रस्ताव सौंपा था जिसे आगामी सोमवार को सदन में लाया जाएगा।
चटर्जी ने कहा कि पार्टी ने सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के संबंध में अपने रुख को लेकर अन्य विपक्षी दलों की ओर से काफी ‘अफवाहों और बेबुनियाद बातों' का सामना किया। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए दूसरों की शिक्षा की आवश्यकता नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘हमने इसके बारे में अध्यक्ष को 20 जनवरी को एक प्रस्ताव सौंपा है। सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को 27 जनवरी को राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा। हमारी सरकार सैद्धांतिक रूप से सीएए के विरोध में है।'
चटर्जी ने कहा कि वे सभी विपक्षी दलों से प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील करेंगे ताकि यह सर्वसम्मति से पारित हो सके। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि सीएए विरोधी एक प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में लाया जाएगा। इसके एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार कानून को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने पर विचार कर रही है तो चटर्जी ने कहा,‘सरकार और पार्टी सड़कों पर संघर्ष करेगी और इसके बाद निर्णय करेंगे कि जरूरत हुई तो अदालत का रुख किया जाए या नहीं।' कांग्रेस और वाममोर्चा ने प्रस्ताव लाए जाने के तृणमूल कांग्रेस के कदम का स्वागत किया और इसे एक ‘सकारात्मक कदम' बताया। भाजपा विधायक दल के नेता मनोज तिग्गा ने कहा कि वे सीएए के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का विरोध करेंगे क्योंकि यह ‘असंवैधानिक' है।