Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Apr, 2018 06:57 PM
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसक बढ़ती जा रही हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा ही एक मामला 24 परगना जिले का सामने आया है...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसक बढ़ती जा रही हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा ही एक मामला 24 परगना जिले का सामने आया है जहां तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की महिला कार्यकर्ता की सरेआम पिटाई की। महिला प्रत्याशी पर उस समय हमला हुआ जब वह बारुईपुर एसडीओ ऑफिस में नामांकन दाखिल करने पहुंची।
भाजपा प्रत्याशी की पिटाई करने का वीडियो भी समाने आया है। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने महिला को सड़क पर पटक कर मारा और उसके साथ बदसलूकी की। हैरानी की बात है कि महिला कार्यकर्ता की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया लोग वहां खड़े तमाशा देखते रहे। बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता पर हमला करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले महीने भी ऐसी ही एक वीडियो सामने आई थी जिसमें टीएमसी कार्यकर्ताओं ने रिटर्निंग ऑफिसर के सामने ही भाजपा उम्मीदवार की पिटाई की थी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में पर्चा भरने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। हाल ही में भाजपा ने कोर्ट में शिकायत दी थी कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है क्योंकि सत्ताधारी टीएमसी बड़े पैमाने पर चुनावी हिंसा कर रही है और आगामी पंचायत चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवारों को पर्चा दाखिल नहीं करने दे रही हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त सहायक पंचायत चुनाव पंजीकरण अधिकारी पार्टी उम्मीदवारों को पर्चा के फॉर्म देने से इनकार कर रहे हैं।