कई राज्यों की किस्मत का फैसला और महाकुंभ में बिगड़ते हालात, आज इन खबरों पर है देश की नजर

Edited By vasudha,Updated: 17 Apr, 2021 10:12 AM

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जहां एक तरफ देश पर काेरोना सिर चढ़कर बोल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल समेत कई राज्यों में मतदान का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के महत्वपूर्ण पांचवें चरण के लिए मतदान जारी है। इसके अलावा 10 राज्यों राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात,...

नेशनल डेस्क:  जहां एक तरफ देश पर काेरोना सिर चढ़कर बोल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल समेत कई राज्यों में मतदान का सिलसिला जारी है।  पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के महत्वपूर्ण पांचवें चरण के लिए मतदान जारी है। इसके अलावा 10 राज्यों राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तराखंड में उप चुनाव के लिए भी वोटिंग की जा रही है। इस सब के अलावा  हरिद्वार महाकुंभ के 17 अप्रैल से समापन की घोषणा किए जाने के बाद विवाद गरमा गया है। इसी तरह की बड़ी और दिलचस्प खबरों की जानकारी हम पल-पल आप को देते रहेंगे।


पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण का मतदान जारी
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत 45 सीटों पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान आरंभ हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर सुबह लंबी कतारें देखी गईं और इस दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी उपायों का पालन करते हुए मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। इस चरण में मतदान के योग्य करीब एक करोड़ मतदाता 342 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। चौथे चरण के चुनाव में हुई हिंसा को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पिछले चरण में मतदान के दौरान कूच बिहार जिले में हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार लोगों की मौत केंद्रीय बलों की गोलीबारी में हुई थी। एक अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय बलों की कम से कम 853 कंपनियां तैनात की है।


राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान
राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। सहाडा (भीलवाड़ा), सुजानगढ़ (चूरू), और राजसमंद विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कुल 7,43,802 मतदाता 27 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करने के लिये 1,145 मतदान केन्द्रों पर मतदान करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह शुरू हो गया और सभी मतदान केंद्रों पर कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

 

उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव
उत्तराखंड में अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए शनिवार सुबह मतदान आरंभ हो गया और लोगों को मतदान केंद्र के बाहर कतारों में खड़े देखा गया। विधानसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ और शाम पांच बजे तक चला। भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह जीना के पिछले साल नवंबर में कोविड-19 से निधन के कारण सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा ने जीना के बड़े भाई महेश को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने गंगा पंचोली को चुनाव मैदान में उतारा है। सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए 95,241 मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें से 48,682 पुरुष और 46,559 महिलाएं हैं।

 

कर्नाटक की एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान
कर्नाटक में बेलगाम लोकसभा सीट तथा मास्की और बसवकल्याण विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है। इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम सात बजे तक चलेगा। कुल 22,68,038 मतदाता 3,197 मतदान केंद्रों पर मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन तीन निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मतदाताओं में 11.37 लाख पुरुष और 11.22 लाख महिलाएं हैं। बेलगाम में 10, बसवकल्याण में 12 और मास्की में आठ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।  चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक नियमों का पालन किया जा रहा है और मतदान का आखिरी घंटा कोरोना वायरस से संक्रमित तथा लक्षण वाले मतदाताओं के लिए आरक्षित है।

 

 कुंभ समापन की घोषणा का विरोध
कोविड-19 के कारण बिगड़ रहे हालात के मद्देनजर निरंजनी अखाडे द्वारा हरिद्वार महाकुंभ के 17 अप्रैल से समापन की घोषणा किये जाने के बाद अन्य अखाड़े विरोध में उतर आए हैं और इस मसले पर माफी मांगने को कहा है। निर्वाणी अणि अखाडा के अध्यक्ष महंत धर्मदास ने कहा कि कुंभ मेले की समाप्ति की घोषणा का अधिकार केवल मेलाधिकारी या प्रदेश के मुख्यमंत्री को है। उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़े ने बिना किसी सहमति के ऐसा कहकर समाज में अफरातफरी मचाने का अक्षम्य अपराध किया है और ऐसे में उसके साथ रहना मुश्किल है। महंत धर्मदास ने कहा कि निरंजनी अखाड़े को अपने ऐसे बयान के लिए पूरे अखाड़ा परिषद के सामने माफी मांगनी चाहिए और तभी उसके साथ आगे बने रहने पर विचार किया जा सकता है।

 

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