Edited By rehan,Updated: 03 Jun, 2018 02:32 PM
बीएमसी में भर्ती प्रकाश अहिरवार की मौत के बाद भी उसके शव को घर ले जाने के लिए जब शव वाहन नहीं मिला तो मजबूरन रिश्तेदार को हाथ ठेला गाड़ी में शव रखकर ले जाना पड़ा।
सागर : बीएमसी में भर्ती प्रकाश अहिरवार की मौत के बाद भी उसके शव को घर ले जाने के लिए जब शव वाहन नहीं मिला तो मजबूरन रिश्तेदार को हाथ ठेला गाड़ी में शव रखकर ले जाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक मोतीनगर थाना अंतर्गत भगतसिंह वार्ड निवासी प्रकाश को तबीयत होने के चलते बीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार ने अस्पताल प्रशासन से आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की बात कहते हुए शव वाहन उपलब्ध कराने को कहा, लेकिन प्रशासन ने उनकी एक न सुनी। जिसके बाद उसके जीजा ने ठेला गाड़ी पर शव रखकर उसे घर पहुंचाया।
सुरेश को जिला अस्पताल से घर जाने के लिए करीब 8 किमी का सफर भरी दोपहर में तय करना पड़ा। लेकिन प्रशासन के नुमाइंदो को इसकी भनक तक नहीं पड़ी और न ही किसी आम आदमी ने उसकी मदद करनी चाही। तपती हुई धूप में लोंगो ने जब ठेले पर शव को ले जाते देखा, तो कुछ लोगों ने मृतक के परिजनों को सहयोग राशि दी।
बीएमसी के अधीक्षक डॉ. आरएस वर्मा का कहना है कि प्रकाश टीबी का मरीज था। अज्ञात के तौर पर 28 मई को भर्ती हुआ था। चार दिन तक परिजन नहीं आए। मौत के बाद उसकी बॉडी पुलिस के हैंडओवर कर मर्चूरी में रखवा दी गई। इतने में हमारी जिम्मेदारी खत्म हो गई थी। वहीं जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. इंद्राज सिंह का यह कहना है कि मौत बीएमसी में हुई थी, शव को भेजने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी।