खालिद के मारे जाने के बाद अब कश्मीर में बचे 4 शीर्ष आतंकवादी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 08:17 PM

top four militants remain after khalid

जैश के आतंकवादी खालिद के मारे जाने के बाद अब कश्मीर में शीर्ष के सिर्फ चार आतंकवादी बचे हैं।


श्रीनगर: जैश के आतंकवादी खालिद के मारे जाने के बाद अब कश्मीर में शीर्ष के सिर्फ चार आतंकवादी बचे हैं। यह चारों टॉप के आतंकवादी हैं और सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में हैं।
जाकिर मूसा- अल.कायदा
सुरक्षाबलों की सूची में यह टॉप पर है। हिज्बुल से अलग होने के बाद मूसा ने अंसार गजवत-उल हिंद, अल-कायदा नाम से एक कश्मीरी संगठन बनाया। बहुत कम समय में, मूसा घाटी के युवाओं और दूसरे आतंकवादी गुटों के बीच लोकप्रिय हो गया। कई आतंकवादी, जिसमें कश्मीर घाटी में लश्कर का प्रमुख अबू दुजाना भी उसके साथ अलग-अलग चरणों में शामिल हुआ था। अबू दुजाना ने शायद उसकी हथियारों और जमीनी नेटवर्क तैयार करने में मदद की थी।
सुरक्षाबल जाकिर मूसा को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वह कश्मीर और इसके बाहर कट्टरपंथी इस्लाम का झूठा प्रचार कर रहा है। उसके द्वारा फैलाया आंतक की विचारधारा घाटी के युवाओं के बीच तेजी से बढ़ रही है।

रियाज नाइकू- हिज्बुल मुजाहिदीन
हिज्बुल मुजाहिदीन का कश्मीर चीफ  रियाज नाइकू ए़़ श्रेणी का आतंकवादी है। 29 साल का नाइकू, हिज्बुल के सबसे अनुभवी कमांडरों में से एक है। वर्तमान में वो कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट कर रहा है। एक मुठभेड़ मार गिराए गए यासीन इटू के बाद उसने कश्मीर ऑपरेशन संभाल लिया है। अवंतीपोरी के दरबग का रहने वाला नायकू हाईटेक है और उसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की समझ है। हाल ही में वो मारे गए एक आतंकवादी के जनाजे में सार्वजनिक तौर पर नजर आया था। उसके खिलाफ  पुलिस में हत्या के कई मामले दर्ज है। इनमें से कुछ पुलिसकर्मियों की भी हत्या के मामले हैं। इससे पहले उसने अपनी उदारवादी छवि दर्शाने के लिए 11 मिनट का एक वीडियो जारी कर कश्मीरी पंडितों से घाटी में लौटने की अपील की थी। नाइकू हिज्बुल के लिए बड़े पैमाने पर ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) का समर्थन जुटाने का भी काम करता है। हिज्बुल कश्मीर घाटी का सबसे पुराना आतंकवादी संगठन है।

सद्दाम पडार- हिज्बुल मुजाहिदीन
मारे गए हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी द्वारा साझा की गई तस्वीर को याद कीजिए। तस्वीर में दिख रहे 12 लोगों के समूह में पडार ही अब इकलौता सक्रिय आतंकवादी है। पडार के अलावा, फोटो में दिख रहा तारिक पंडित भी जिंदा है मगर वो अब आत्मसमर्पण कर चुका है। पडार का ताल्लुक किसान परिवार से है। उसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है, सिर्फ इतना भर कि हिज्बुल उसे काफी तवज्जो देता है। पडार ने बीच में ही स्कूल की पढ़ाई छोडक़र 4.5 साल पहले आतंकवाद की राह पकड़ ली थी। वो पहले लश्कर-ए-तोयबा का सदस्य था लेकिन 2015 में वो हिज्बुल में शामिल हो गया। मूसा के हिज्बुल कमांडर के कश्मीर चीफ  का पद छोडऩे के बाद उसका नाम अगले हिज्बुल चीफ के तौर पर लिया जा रहा था। मगर बाद में नाइकू को हिज्बुल के कश्मीर ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंप दी गई। पडार  ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन उसे एक ‘चालाक’ आतंकवादी माना जाता है। वो उन चंद लोगों में शामिल था जिसपर बुरहान वानी भरोसा करता था।

जीनत-उल-इस्लाम - लश्कर-ए-तोयबा
घाटी में लश्कर लीडरशिप संभालने में जीनत-उल-इस्लाम का नाम सबसे प्रमुख तौर पर उभरकर सामने आया है। 28 साल का जीनत शोपियां के सुगन जानीपुरा का रहने वाला है। लश्कर में वो साल 2015 में भर्ती हुआ था। उसे फरवरी में हुए शोपियां हमले के मुख्य आरोपियों में से एक माना जाता है। इस हमले में तीन सैनिक शहीद हुए थे। उसकी पहचान आईईडी विशेषज्ञ के तौर पर है। लश्कर में शामिल होने से पहले वो अल-बदर आतंकवादी संगठन में था।

 

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