Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 11:48 AM
बिहार में शिक्षा व्यवस्था लगातार सवालों के कटघरे में घिरती हुई नजर आ रही है। बिहार बोर्ड की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता हुआ एक मामला सामने आया है। बोर्ड द्वारा 10वीं की छात्रा को फेल घोषित कर दिया गया जबकि जांच के बाद छात्रा अच्छे अंकों से पास...
पटना: बिहार में शिक्षा व्यवस्था लगातार सवालों के कटघरे में घिरती हुई नजर आ रही है। बिहार बोर्ड की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता हुआ एक मामला सामने आया है। बोर्ड द्वारा 10वीं की छात्रा को फेल घोषित कर दिया गया जबकि जांच के बाद छात्रा अच्छे अंकों से पास हुई। बोर्ड की इस गलती के कारण लड़की को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा।
जानकारी के अनुसार प्रियंका ने इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दी। नतीजा घोषित होने पर उसे संस्कृत में 4 और विज्ञान में 29 नंबर दिए गए। जब उसने दोनों विषयों का पुनर्मूल्यांकन करवाया फिर उसके संस्कृत में 9 और विज्ञान में 7 अंक आए। इसके बाद छात्रा ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दर्ज करवाई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रियंका के वकील को कहा गया कि अगर छात्रा के आरोप गलत साबित हुए तो 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट के सामने जांच होने पर प्रियंका संस्कृत में 61 और विज्ञान में 80 नंबर लेकर पास हुई।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड को दिया झटका
पटना हाईकोर्ट ने बिहार परीक्षा बोर्ड को बड़ा झटका देते हुए छात्रा के खाते में 5 लाख रुपए 3 महीने के भीतर जमा करवाने को कहा। हाईकोर्ट द्वारा बोर्ड को शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के आदेश दिए गए।