कोरोना संकट से टूटी राष्ट्रपति भवन में परंपरा, हुई डिजिटल युग की शुरुआत

Edited By Yaspal,Updated: 21 May, 2020 07:48 PM

tradition broken in corona crisis in rashtrapati bhavan digital era begins

कोरोना संकट की वजह से पहले से स्थापित कई परंपराएं टूट रही हैं तो कई नई परंपराओं का आगाज भी हो रहा है। ऐसे ही एक नई परंपरा की शुरुआत हुई राष्ट्रपति भवन में। राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को ऐसा कुछ हुआ जो इसके 70 साल के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। 26...

नई दिल्लीः कोरोना संकट की वजह से पहले से स्थापित कई परंपराएं टूट रही हैं तो कई नई परंपराओं का आगाज भी हो रहा है। ऐसे ही एक नई परंपरा की शुरुआत हुई राष्ट्रपति भवन में। राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को ऐसा कुछ हुआ जो इसके 70 साल के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। 26 जनवरी 1950 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के तौर पर राष्ट्रपति भवन में कार्यभार संभाला था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को सात देशों के राजदूत/उच्चायुक्तों के परिचय पत्र डिजिटल यानि वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए स्वीकार किए।ऐसा Covid-19 की वजह से प्रतिबंधों के चलते करना पड़ा सात देशों के राजनयिकों ने लीक से हटकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पहचान संबंधी दस्तावेज सौंपे। कोरिया गणराज्य, सेनेगल, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, कोटे डी‘इवायर और रवांडा के राजदूतों और उच्चायुक्तों ने कोविंद को अपने परिचय पत्र सौंपे। राष्ट्रपति भवन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब परिचय पत्रों को डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

राष्ट्रपति ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने कोविड-19 की वजह से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने और अभिनव तरीके से अपना कामकाज करने में दुनिया को सक्षम बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने लोगों और व्यापक रूप से पूरी दुनिया की उन्नति के लिए डिजिटल माध्यम की असीमित संभावनाओं को काम में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।


राष्ट्रपति ने राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने विश्व समुदाय के सामने अप्रत्याशित चुनौती पेश की है और इस संकट ने अब बड़े स्तर पर सहयोग की आवश्यकता जताई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत इस महामारी के खिलाफ जंग में मित्र देशों की ओर सहयोग के हाथ बढ़ाने में हमेशा आगे रहा है।

जिन राजनयिकों ने परिचय संबंधी दस्तावेज सौंपे, उनमें कोरिया गणराज्य के राजदूत चोए हुई चोल, सेनेगल गणराज्य के राजदूत अब्दुल वहाब हाइदरा, त्रिनिदाद एवं टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त डॉक्टर रोजर गोपाल, मॉरीशस गणराज्य की उच्चायुक्त श्रीमती शांति बाई हनुमानजी, ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी राबटर् ओ‘फरैल, कोटे डी'आइवर के राजदूत एम. एन‘डीआरवाई एरिक कैमिले और रवांडा की उच्चायुक्त जैकलिन मुकान्गिरा शामिल हैं।

 

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