DU चुनाव: जीत के जश्न में तोड़े ट्रैफिक नियम

Edited By vasudha,Updated: 15 Sep, 2019 11:16 AM

traffic rules broken in celebration of victory

नए ट्रैफिक नियमों में महंगे चालान और पुलिस की सख्ती का असर आम जनता पर साफ दिखाई दे रहा है। मगर इन नियमों की असली परीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में थी...

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): नए ट्रैफिक नियमों में महंगे चालान और पुलिस की सख्ती का असर आम जनता पर साफ दिखाई दे रहा है। मगर इन नियमों की असली परीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में थी। इसमें शुक्रवार को घोषित चुनाव परिणाम के बाद नए नियमों और ट्रैफिक पुलिस की सख्ती बेअसर दिखाई दी और रात के समय जीत के जश्न में प्रत्याशी समर्थकों ने खुलकर नियमों की धज्जियां उड़ाई। सोशल मीडिया पर लोगों ने वीडियो अपलोड कर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस पर सवाल उठाए तो पुलिस ने मामला संज्ञान में आने और कार्रवाई करने की बात कहीं। 

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शुक्रवार को डूसू के परिणाम घोषित होने के बाद जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों के समर्थकों ने ट्रैफिक निययों की जमकर धज्जियां उड़ाईं जिसका एक वीडियो शनिवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिख रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैम्पस के आसपास हुड़दंगियों से भरी सात कारें करीब तीन घंटे तक डीयू के आसपास घूमती रहीं। इनका काफिला मौरिस नगर और रूप नगर थाने के पास से भी गुजरा लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा। इस कारों पर लगे पोस्टर इस बात का इशारा कर रहे हैं कि यह सभी डूसू चुनाव जीतने वाले एबीवीपी प्रत्याशी के समर्थक हैं। 

 

दरअसल, सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें कुछ वायरल वीडियो एक मिनट से कम के हैं तो एक वायरल वीडियो लगभग 3 मिनट 44 सेकेंड का भी है जिसमें लड़के गाडिय़ों की छत पर खड़े होकर हुड़दंग करते हुए दिखाई दे रहे है। जबकि ये हुड़दंगी मुखर्जी नगर चौक पर यानी पुलिस लाइन के ठीक सामने ट्रैफिक को रोककर डांस करते दिखे। छात्र अपनी मस्ती में डूबे हुए थे। डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीतने वाले अक्षित दहिया का स्टिकर लगा था और कुछ छात्रों के हाथ में बैनर भी थे। कुछ छात्र कार के बोनट पर भी बैठे हुए थे जबकि जगह-जगह कार रोककर ये लोग शोर मचा रहे थे। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने वीडियो सामने आने के बाद कार्रवाई का हवाला दिया।

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एबीवीपी का कहना हमारे कार्यकर्ता नहीं 
एबीवीपी राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी के अनुसार एबीवीपी के किसी भी जीते हुए प्रत्याशी के समर्थकों की गाड़ी नहीं है किस आधार पर ऐसा कहा जा रहा है। अगर कोई भी व्यक्ति सड़क पर कुछ भी हुड़दंग करेगा तो उसके लिए हमजिम्मेदार नहीं है। विडियो की जांच होनी चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि अगर डूसू में एबीवीपी प्रत्याशी को 29 हजार से ज्यादा वोट मिले है, तो उनमें डीयू के हजारों आम छात्रों का भी वोट उसे मिला है, वह भी तो जीत बाद खुशी मनाएंगे। हो सकता है आम छात्र  इसमें हों, एबीवीपी के कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं है। 

 

‘ये है एबीवीपी का असली चेहरा’
एनएसयूआई राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीरज मिश्रा ने कहा कि ये तो एबीवीपी का असली चेहरा है, सत्ता का दुरुपयोग जिस तरह से एबीवीपी करती है। यह इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है। इस तरह हुंडदंग और उल्लंघन करना यह अपने मातृसंगठन आरएसएस और बीजेपी से सिखते हैं। दिल्ली पुलिस को इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। 

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