ट्रांसजेंडर बिल देता है बलात्कार को बढ़ावा : महिला आयोग

Edited By Pardeep,Updated: 27 Jul, 2019 04:19 AM

transgender bills promotes rape women s commission

‘ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल 2019’ को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्रांसजेंडर्स पर बलात्कार को बढ़ावा देने वाला बताया है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को पत्र लिखकर इसकी कई...

नई दिल्ली: ‘ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल 2019’ को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्रांसजेंडर्स पर बलात्कार को बढ़ावा देने वाला बताया है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को पत्र लिखकर इसकी कई खामियों को गिनाते हुए इसे हानिकारक कहा है। आयोग का कहना है कि लोकसभा को भेजे गए सुझाव ट्रांसजेंडर सेल द्वारा तैयार किए गए हैं। जिसको ट्रांसजेंडर्स के अलावा सिविल सोसायटी के सदस्यों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।

आयोग का कहना है कि इस बिल के वर्तमान प्रारूप में सबसे बड़ी खामी यह है कि यह ट्रांसजेंडर लोगों के बलात्कार और उनके साथ यौन हिंसा को बढ़ावा देता है। इस बिल में ट्रांसजेंडर के साथ सेक्सुअल असाल्ट के लिए न्यूनतम 6 महीने से अधिकतम केवल 2 साल की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि अन्य लोगों के साथ सेक्सुअल असाल्ट की सजा न्यूनतम 7 साल से आजीवन कारावास तक है। आयोग ने इसकी निंदा की है और कहा कि इसमें तुरंत संशोधन किया जाना चाहिए।

आयोग ने यह सुझाव दिया कि बिल में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए शादी करने, बच्चा गोद लेने और संपत्ति उत्तराधिकार के लिए अधिकारों की प्रविष्टि होनी चाहिए। ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा झेलने वाली प्रताडऩा और भेदभाव को ध्यान में रखते हुए यह सुझाव दिया गया है कि उनको शिक्षा और नौकरी में उचित आरक्षण के साथ एक उचित मासिक पेंशन का प्रावधान होना चाहिए। आयोग का कहना है कि बिल के वर्तमान प्रारूप में इन जरूरी प्रावधानों के न होने की सूरत मेंइस बिल को बड़े स्तर पर विचार-विमर्श के लिए स्टैंङ्क्षडग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और संसद के अगले सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट देने को कहा जाए, और उसके बाद बिल को संसद के दोनों सदनों में पास किया जा सकता है। 

ट्रांसजेंडर को मिले स्वास्थ्य सुविधाएं 
आयोग ने सुझाव दिया है कि ट्रांसजेंडर के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फ्री सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी, हार्मोनल थेरेपी, लेजर थेरेपी और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान होना चाहिए। आयोग ने कहा है कि राज्य द्वारा प्रदत्त ‘स्वघोषित पहचान’ बनाने का मौलिक अधिकार उनको भी मिलना चाहिए और साथ ही अन्य महिला आयोग की तर्ज पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर ट्रांसजेंडर आयोग भी बनाया जाना चाहिए।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!