Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Aug, 2024 04:53 PM
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र को अब से पैन कार्ड बनाने के लिए वैध दस्तावेज माना जाएगा। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिका के आधार पर लिया गया है, जिसे...
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र को अब से पैन कार्ड बनाने के लिए वैध दस्तावेज माना जाएगा। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिका के आधार पर लिया गया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए पहचान प्रमाण पत्र को पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है, जिससे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पैन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया अधिक सरल और सुलभ हो जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा नियमों में संशोधन की संभावना
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे की स्पष्टता लाने के लिए इसे नियमों में शामिल करने पर विचार कर सकती है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान याचिका में उठाई गई सभी मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। इसमें यह मांग भी शामिल है कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए पहचान प्रमाण पत्र को पैन कार्ड के लिए मान्य दस्तावेज के रूप में मान्यता दी जाए।
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2018 की याचिका और पैन-आधार लिंकिंग का मुद्दा
यह निर्णय 2018 में दायर की गई एक याचिका के संदर्भ में लिया गया है। उस याचिका में आरोप लगाया गया था कि पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रयास विफल हो गया था, क्योंकि पैन कार्ड में आधार कार्ड के विपरीत कोई 'तीसरे लिंग' का विकल्प नहीं था। इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र को पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा, बशर्ते यह प्रमाण पत्र जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया हो। इस निर्णय से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पैन कार्ड प्राप्त करने में सहूलियत होगी और उनके पहचान प्रमाण के रूप में मान्यता प्राप्त होगी।