Edited By shukdev,Updated: 01 Feb, 2020 11:51 PM
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर चीन, हांगकांग के अलावा थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों की भी हवाई अड्डों पर जांच (स्क्रीनिंग) की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर चीन, हांगकांग के अलावा थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों की भी हवाई अड्डों पर जांच (स्क्रीनिंग) की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों को लेकर हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रालय ने कहा, “चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों के अलावा सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों की भी हवाई अड्डों पर जांच की जाएगी।” स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, कपड़ा और फार्मास्युटिकल मंत्रालय के सचिव इस बैठक में शामिल हुए। कैबिनेट सचिव अब तक पांच समीक्षा बैठक कर चुके हैं। शनिवार तक 326 विमानों से आए कुल 52,332 यात्रियों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण की जांच की जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “आईडीएसपी जांच में कुल 97 यात्रियों में लक्षण मिले जिसके बाद उन्हें पृथक वार्ड में रेफर किया जा चुका है। 98 नमूनों की जांच हो चुकी है जिसमें से 97 नमूने नकारात्मक पाए गए हैं। एक मामले में केरल में सकारात्मक नतीजा पाया गया था जिसकी निगरानी की जा रही है और उस व्यक्ति की हालत स्थिर है।” केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए भी विभिन्न देशों से आए यात्रियों की जांच प्रक्रिया की समीक्षा की। अधिकारियों ने कहा कि वुहान से लाए गए 324 भारतीय शनिवार को पहुंचे और उन्हें थल सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा स्थापित पृथक वार्डों में भर्ती कराया गया।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि उनमें से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि 211 छात्रों, 110 पेशेवरों और तीन नाबालिगों को लेकर विमान सुबह 7.30 बजे दिल्ली पहुंचा। उन्होंने कहा कि अभी तक चीन से लौटे यात्रियों में से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं देखे गए हैं। आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा कि शनिवार सुबह विमान से उतरे कुल 324 लोगों में से 88 महिलाएं, दस पुरुष और छह बच्चे हैं जिन्हें दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली स्थित छावला क्षेत्र में बने आईटीबीपी के विशेष पृथक वार्ड में रखा गया है।
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर चीन के हुबेई प्रांत से लाए गए 300 भारतीयों को रखने के लिए सेना ने भी दिल्ली के पास मानेसर में पृथक वार्ड बनाए हैं। आईटीबीपी ने भी इस वायरस से प्रभावित लोगों को अलग रखने और उनके उपचार के लिए छावला क्षेत्र में छह सौ बिस्तरों का वार्ड बनाया है। अधिकारियों ने कहा कि चीन से निकालकर लाए गए भारतीयों की दो हफ्ते तक निगरानी की जाएगी।