Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Sep, 2024 03:35 PM
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि असम के लोग टीएमसी को पश्चिम बंगाल की एक 'क्षेत्रीय पार्टी' मानते हैं और इसे अपना मानने के इच्छुक नहीं हैं। रिपुन बोरा ने तृणमूल...
नेशनल डेस्क. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि असम के लोग टीएमसी को पश्चिम बंगाल की एक 'क्षेत्रीय पार्टी' मानते हैं और इसे अपना मानने के इच्छुक नहीं हैं। रिपुन बोरा ने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को लिखे पत्र में बताया कि उन्होंने पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को असम में टीएमसी को स्वीकार्य बनाने के लिए कई सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अपने इस्तीफे में बोरा ने कहा- टीएमसी की असम इकाई में काफी संभावनाएं हैं, लेकिन कुछ बार-बार सामने आने वाले मुद्दों ने हमारी प्रगति में रुकावट डाली है, जिसमें पार्टी को पश्चिम बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में देखना भी शामिल है। हमने इस धारणा को दूर करने के लिए कई सुझाव दिए थे। उन्होंने टीएमसी के राष्ट्रीय स्तर पर एक असमिया नेता को शामिल करने, कोलकाता के टॉलीगंज में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका के आवास को विरासत स्थल घोषित करने और कूचबिहार में मधुपुर सत्र को सांस्कृतिक केंद्र में बदलने का सुझाव दिया था।
रिपुन बोरा ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से उन्होंने इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। वे दो साल से अधिक समय तक टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने राज्य भर के लोगों के साथ अच्छे संवाद स्थापित किए।