Edited By Pardeep,Updated: 12 Jul, 2022 11:49 PM
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस द्वारा नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि यह ऐसी पार्टी की तरफ से अप्रत्याशित नहीं है जो देवी काली का अपमान करती है और संविधान के
हावड़ाः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस द्वारा नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि यह ऐसी पार्टी की तरफ से अप्रत्याशित नहीं है जो देवी काली का अपमान करती है और संविधान के प्रति बहुत सम्मान का भाव नहीं रखती है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार ने दावा किया कि मूल राष्ट्रीय प्रतीक में अशोक के शेर ‘सुंदर' थे, जबकि नए संसद भवन के ऊपर बने प्रतीक में शेर ‘उग्र' दिख रहे हैं।
ईरानी ने हावड़ा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जिन नेताओं ने वर्षों से संविधान की या तो अवहेलना की या उन्हें त्याग दिया है, उनसे राष्ट्रीय प्रतीक के विरोध की ही उम्मीद है। आज वे राष्ट्रीय प्रतीक से डरते हैं, जो हमारे देश का गौरव है। देवी काली का अपमान करने वाली पार्टी और उसके नेताओं से यह अप्रत्याशित नहीं है कि वे राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करें।''
जवाहर सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक के दो अलग-अलग चित्रों को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह हमारे राष्ट्रीय प्रतीक का, अशोक की लाट में चित्रित शानदार शेरों का अपमान है। बाईं ओर मूल चित्र है। मोहक और राजसी शान वाले शेरों का। दाईं तरफ मोदी वाले राष्ट्रीय प्रतीक का चित्र है जिसे नए संसद भवन की छत पर लगाया गया है। इसमें गुर्राते हुए, अनावश्यक रूप से उग्र और बेडौल शेरों का चित्रण है। शर्मनाक! इसे तत्काल बदलिए।''
उनकी पार्टी की सहयोगी और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने भी राष्ट्रीय प्रतीक की दो तस्वीरें ट्वीट करते हुए पिछली संरचना की तुलना नए संसद भवन के ऊपर स्थापित प्रतीक से की। ईरानी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल ने राष्ट्रीय प्रतीक के बारे में अपने सांसदों की बातों का समर्थन किया।
वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘यह एक आपदा है। चार सिंह, जिन्हें शांत और राजसी होने चाहिए, उग्र और बेडौल दिखाई देते हैं। ऐसा तब होता है जब विपक्षी नेताओं को विश्वास में नहीं लिया जाता और सलाह नहीं ली जाती है। यह सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।''
मुख्तार अब्बास नकवी के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का कार्यभार दिए जाने पर सवाल उठाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए ईरानी ने कहा कि एक कैबिनेट मंत्री के रूप में वह देश और सभी समुदायों की सेवा कर रही हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री का पद आमतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी नेता के पास जाता है।
सरकार ने ट्वीट किया था, ‘‘कट्टर हिंदू, जिसने एक पारसी से शादी की, उन्हें मुसलमानों, ईसाइयों का प्रभार दिया गया। क्या यह भाजपा का धर्मनिरपेक्षता का ब्रांड है?'' एक सवाल के जवाब में ईरानी ने दावा किया कि अगर तृणमूल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करती है, तो यह साबित होगा कि पार्टी आदिवासियों और गरीबों के खिलाफ है।