Edited By Yaspal,Updated: 19 Sep, 2018 07:35 PM
मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक़ को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंज़ूरी मिल गई। इसकी जानकारी केंद्रीय...
नई दिल्लीः (मनीष शर्मा) मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक़ को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंज़ूरी मिल गई। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। यह अध्यादेश 6 महीने तक मान्य रहेगा। मोदी सरकार को हर हाल में ट्रिपल तलाक़ बिल संसद के विंटर सेशन में राज्य सभा में पास कराना होगा। लोक सभा में यह बिल 28 दिसंबर 2017 में पास हो गया था।
मानसून सत्र में विपक्ष के विरोध के चलते मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार सरंक्षण) बिल, 2017 राज्य सभा में पास नहीं हो पाया था। विपक्ष का कहना था कि गैर जमानती होने की सूरत में इस कानून का दुरुप्रयोग हो सकता है। आरोपी को तीन साल की सजा होगी तो इस दौरान उसका परिवार मजबूर और बेसहारा हो जायेगा। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ट्रिपल तलाक़ बिल में तीन बदलाव भी कर दिए।
क्या हैं तीन बदलाव
- अब सिर्फ पीड़िता या रिश्तेदार ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं ।
- पीड़िता की सहमति पर ही मेजिस्ट्रेट समझौता करा सकता है।
- पीड़िता की मंजूरी के बिना मेजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत नहीं दे सकता।
ट्रिपल तलाक़ मामले में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति कर रही है जिसके चलते ट्रिपल तलाक़ के खिलाफ कोई कानून नहीं बन सका।