त्रिपुरा विधानसभा चुनावः टिकट बंटवारे बाद भाजपा में बढ़ी कलह, सड़कों पर उतरे समर्थक

Edited By Yaspal,Updated: 29 Jan, 2023 04:24 PM

tripura assembly elections discord in bjp increased after ticket distribution

त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के खिलाफ पिछले 24 घंटों में कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष के कारण पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई

नेशनल डेस्कः त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के खिलाफ पिछले 24 घंटों में कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष के कारण पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई, प्रचार सामग्री को नष्ट किया गया और कम से कम सात निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों को बदलने की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया गया। विपक्षी कांग्रेस को भी उम्मीदवारों के चयन में कमालपुर और धर्मनगर निर्वाचन क्षेत्रों में गुटबाजी का सामना करना पड़ा है। कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवार नहीं बदलने पर पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। दक्षिण त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों में कांग्रेस और कम्युनिस्टों बीच सीटों के बंटवारे को लेकर नाराजगी देखी गई।

एआईसीसी ने कांग्रेस को दक्षिण त्रिपुरा में चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी है और सिपाहीजाला के सोनामुरा में जीत की सबसे संभावित सीट सहित जिले की सभी सात सीटें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)को दे दी है। जिसके परिणामस्वरुप, माकपा को कांग्रेस समर्थकों का वोट प्राप्त करना अनिश्चित बन गया है बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा को इससे एक अतिरिक्त लाभ मिल रहा है।

सिपाहीजाला जिले के कमलासागर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट आकांक्षी श्यामल भक्त चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्जी ने उन्हें टिकट देने का वादा किया था और पिछले तीन वर्षों में चौधरी से कई लाभ प्राप्त किया है। भाजपा ने कमलासागर निर्वाचन क्षेत्र से अंतरा देब सरकार को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसके खिलाफ इस क्षेत्र में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है।

नाराज समर्थकों ने उम्मीदवार की घोषणा के तुरंत बाद पार्टी के कई कार्यालयों, झंडों और इमारतों में तोड़फोड़ की और निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के प्रवेश को रोकने की धमकी दी है। श्री श्यामल भक्त चौधरी ने आरोप लगाया कि कमलासागर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का उम्मीदवार बाहरी है और वह स्थानीय लोगों को नहीं जानती हैं। पार्टी समर्थक निर्वाचन क्षेत्र से एक स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रहे हैं और इस विषय को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के सामने भी रख चुके हैं।

इसी प्रकार, कदमतला, बागबासा, कैलाशहर, चांदीपुर और बिशालगढ़ में भी भाजपा समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं और उम्मीदवार बदलने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि राज्य भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने अपने निहित स्वार्थ के लिए सीटों पर बाहरी, विवादास्पद और अलोकप्रिय व्यक्तियों को टिकट दिया है। यह जानते हुए कि विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती, विधानसभा उपाध्यक्ष विश्वबंधु सेन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रेबती मोहन दास, शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ, श्रम मंत्री भगवान दास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मनोज कांति देब, विधायक सुरजीत दत्ता, कृष्णधन दास और डॉ दिलीप दास के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर है, पार्टी ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा है, जिससे विपक्ष को सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ समर्थन जुटाने में मदद मिली है।

इस बीच, प्रदेश भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता नामांकन से वंचित रह गए हैं और अवांछित लोगों जैसे पाताल कन्या जमातिया, प्रमोद रियांग और हिमानी देबबर्मा को टिकट दिया गया है, जिनकी जीतने की संभावना बहुत कम है और बाकी संभावित सीटें आईपीएफटी को आवंटित की गई है। इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में बहुत ज्यादा नाराजगी है।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!