मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर हमला, गैर कानूनी तरीके से लोगों को किया परेशान तो नहीं करेंगे बर्दाश्त

Edited By Yaspal,Updated: 19 Sep, 2018 06:16 PM

troubled people in a legal manner will not tolerate manoj

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि कानून का उल्लंघन करने में उनका कतई विश्वास नहीं है किंतु गैर कानूनी...

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि कानून का उल्लंघन करने में उनका कतई विश्वास नहीं है किंतु गैर कानूनी ढंग से लोगों को तंग किए जाने को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। तिवारी ने अपने संसदीय क्षेत्र के गोकुलपुर में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक परिसर की सील को कथित रुप से तोड़े जाने पर उच्चतम न्यायालय के संज्ञान लेने के मामले में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। शीर्ष न्यायालय ने सील तोडऩे के मामले में संज्ञान लेते हुए कहा है कि क्यों न उन पर अवमानना की कार्रवाई की जाये।

न्यायालय ने तिवारी को 25 सितंबर को इस मामले में तलब किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में पहले दिन से उनकी स्पष्ट सोच रही है कि संविधान का अक्षरस पालन करेंगे, लेकिन कानून के दुरुपयोग को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। श्री तिवारी ने कहा कि न्यायालय की तरफ से अभी उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर वह सलाह मशविरा करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस परिसर की सील तोडऩे पर उन्हें आवमानना के लिए शीर्ष न्यायालय ने तलब किया है। उस परिसर को गैर कानूनी ढंग से सील किया गया। वह डेयरी नहीं थी। लाल डोरा परिसर में बसा घर है और गांव में दो भैंस रखने की छूट है। उन्होंने कहा कि भेदभाव कर सीलिंग किए जाने का पुरजोर विरोध और सीलिंग के नाम भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं किया जायेगा।

मुस्लिम बाहुल इलाके ओखला और बड़े-बड़े फार्म हाउस को सील नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए श्री तिवारी ने कहा कि इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भेदभाव और गैर कानूनी ढंग से सीलिंग का भाजपा हर स्तर पर विरोध करेगी। भाजपा ने कहा कि ओखला में सीलिंग करने के मामले में निगम अधिकारी कानून-व्यवस्था का भय दिखाते हैं और गरीबों के घर को तोडऩे और सील करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की मानिटरिंग कमेटी की आंख खोलना चाहते हैं और यदि भ्रष्ट लोगों का विरोध करने पर सजा मिलती है तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय के समक्ष हाजिर होने पर वह सभी साक्ष्य रखकर भ्रष्ट लोगों की कलई खोलेंगे।

केजरीवाल के अध्यादेश लाकर सीलिंग रोकने के सुझाव पर श्री तिवारी ने कहा कि यह गुमराह करने के लिए है। सीलिंग को रोकने के लिए साफ नीयत की जरुरत है। केजरीवाल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कह रहे हैं। दिल्ली सरकार चिह्नित 351 सड़कों को क्यों नहीं अधिसूचित करती।

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