क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन का मतलब अब अस्थिरता नहीं : टीआरएस

Edited By vasudha,Updated: 13 May, 2019 06:40 PM

trs says regional parties alliance no longer instability

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से कुछ दिन पहले सोमवार को कहा कि भारत में गठबंधन राजनीति ‘परिपक्व'' हो गई है और कई क्षेत्रीय पार्टियों के मिलकर सरकार बनाने का मतलब अब ‘अस्थिरता'' नहीं...

हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से कुछ दिन पहले सोमवार को कहा कि भारत में गठबंधन राजनीति ‘परिपक्व' हो गई है और कई क्षेत्रीय पार्टियों के मिलकर सरकार बनाने का मतलब अब ‘अस्थिरता' नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले उनके बेटे रामा राव ने कहा कि अब बार क्षेत्रीय पार्टियों की है, खासतौर पर उन पार्टियों की, जो किसी भी गठबंधन (संप्रग या राजग) में शामिल नहीं हैं। 

राव ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगली सरकार के गठन में उन दलों की अहम भूमिका होने वाली है जो किसी भी (संप्रग और राजग) गठबंधन में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हर चरण के पूरा होने के साथ यह और ज्यादा स्पष्ट हो रहा है। हमने हमेशा कहा है कि न कांग्रेस और न ही भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी। ये क्षेत्रीय पार्टियां ही हैं जो अगली सरकार के गठन के संबंध में अहम भूमिका निभाएंगी। उनके मुताबिक, चंद्रशेखर राव हाल फिलहाल में कहते रहे हैं कि टीआरएस की दिल्ली में निर्णायक भूमिका होगी और यह सच होने जा रहा है।

रामा ने कहा कि गठबंधन राजनीति में, खासतौर पर मजबूत क्षेत्रीय पार्टियां, जो जमीनी स्तर पर काफी जुड़ी हुई हों, जिनका लोगों की आकांक्षाओं से काफी जुड़ाव है उनकी आवाज सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि अहम बात यह है कि दिल्ली में क्षेत्रीय दलों की आवाज सुनी जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय पार्टियां हमेशा से ‘दिल्ली केंद्रित' रही हैं जबकि क्षेत्रीय पार्टियां (अपने-अपने राज्यों में) जमीन से जुड़ी होती हैं। 

राव ने कहा कि भारत में गठबंधन राजनीति निश्चित रूप से परिपक्व हुई है। कई क्षेत्रीय दलों के साथ आने का मतलब अब अस्थिरता नहीं रह गया है। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि 23 मई (चुनाव परिणाम के दिन) के बाद चीजें कैसे आकार लेंगी। उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई क्षेत्रीय पार्टियां अच्छी संख्या में लोकसभा सीटें जीतेंगी। टीआरएस पिछले साल से गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई संघीय मोर्चा बनाने की जुगत में लगी हुई है।

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