Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2024 05:42 PM
कनाडा की ट्रूडो सरकार की कड़ी माइग्रेशन नीतियों के कारण हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र, विशेष रूप से भारतीय छात्र, गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। सवा लाख से अधिक भारतीय छात्रों को डिपोर्टेशन का खतरा है, जो कनाडा में उच्च शिक्षा और बेहतर भविष्य की...
नेशनल डेस्क: कनाडा की ट्रूडो सरकार की कड़ी माइग्रेशन नीतियों के कारण हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र, विशेष रूप से भारतीय छात्र, गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। सवा लाख से अधिक भारतीय छात्रों को डिपोर्टेशन का खतरा है, जो कनाडा में उच्च शिक्षा और बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर गए थे। दिसंबर में बड़ी संख्या में इन छात्रों के वर्क वीजा खत्म होने जा रहे हैं, लेकिन सरकार अस्थायी नागरिकता की फाइलें क्लीयर करने या वर्क वीजा बढ़ाने के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर रही है।
विरोध प्रदर्शन और समर्थन
कनाडा के विभिन्न प्रांतों में इस फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में छात्रों के साथ-साथ पंजाबी समुदाय और स्थानीय लोग भी शामिल हैं। कई प्रमुख पंजाबी सिंगर, जैसे गुरु रंधावा, छात्रों के समर्थन में आगे आए हैं। गुरु रंधावा ने हाल ही में एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और लोगों से छात्रों की मदद के लिए आगे आने की अपील की।
विरोध के कारण
new migration policy और work visa के नियमों में बदलाव ने छात्रों के लिए भविष्य की संभावनाओं को अनिश्चित बना दिया है। कनाडा में 1.3 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र, जिनमें से अधिकांश भारतीय हैं, अपनी PR (स्थायी निवास) की फाइलों के लंबित होने और वर्क वीजा के नवीनीकरण न होने के कारण निर्वासन का सामना कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें विकल्प दिए जाएं, जैसे कि वर्क वीजा का विस्तार ताकि वे अपने आव्रजन मामलों को सुलझा सकें।
सीमित विकल्प
छात्रों के सामने अब दो ही विकल्प बचे हैं:
कनाडा में अवैध रूप से रहना, जो उनके लिए और कानूनी समस्याएं खड़ी कर सकता है।
भारत लौटना, जो उनके सपनों और भविष्य की योजनाओं को नुकसान पहुंचाएगा।
कई छात्र अमेरिका की ओर रुख कर रहे हैं, जबकि अन्य कनाडा के अंदर ही संघर्ष कर रहे हैं।
कनाडा में सख्त नियम और बेरोजगारी की स्थिति
कनाडा की सरकार की माइग्रेशन नीतियों में हाल के वर्षों में सख्ती आई है, जो विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित कर रही है। बेरोजगारी के बढ़ते स्तर और अप्रवासन के नए नियमों ने कनाडा की आव्रजन प्रणाली को जटिल बना दिया है।
कनाडा में स्थायी निवास की स्थिति
2023 तक, कनाडा में स्थायी निवास वाले आठ मिलियन से अधिक अप्रवासी रह रहे थे, जो कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि कनाडा में अप्रवासी समुदाय पहले से ही बड़ा है, और नए अप्रवासी और छात्रों के लिए जगह बनाना मुश्किल हो रहा है।
कनाडा की सरकार के सामने अब छात्रों के विरोध और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों को उम्मीद है कि सरकार उनके लिए राहत प्रदान करेगी।