Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 11:30 AM
सिर से जुड़े करीब ढाई साल के जगन्नाथ और बलराम को अलग करने की चुनौती एम्स ने स्वीकार कर ली है।
नई दिल्ली: सिर से जुड़े करीब ढाई साल के जगन्नाथ और बलराम को अलग करने की चुनौती एम्स ने स्वीकार कर ली है। ओडिशा के कंधमाल में एक छोटे से इलाके के जग्गा और बलिया के एम्स पहुंचने पर AIIMS में न्यूरो और एनेस्थेटिक डिपार्टमेंट से डॉक्टर्स की टीम ने उनके टेस्ट किए। दोनों बच्चों का ब्रेन का कुछ हिस्सा भी आपस में जुड़ा हुआ है। डॉक्टरों की टीम ने उनका अलग-अलग टेस्ट भी किया। लेकिन AIIMS न्यूरो डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर ए के महापात्रा की माने तो इस तरह के मामले बहुत ही जटिल होते हैं और सफलता की उम्मीद भी काफी कम होती है। दोनों बच्चों का ब्रेन भी आपस में जुड़ा होना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती है।
डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को अभी इन्फेक्शन हैं और इसीलिए उन पर कुछ टेस्ट अभी नहीं किए जा सकते हैं। लिहाजा 4 से 5 दिन बाद ही आगे के जरूरी टेस्ट किए जाएंगे। फिलहाल बच्चे एक्टिव हैं लेकिन मोमेंट काफी स्लो है। बच्चों के MRI और एंजियोग्राफी की जाएगी और उसके बाद ही सर्जरी का फैसला लिया जाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों को सर्जरी के टाइम पर सेडिशन और एनेस्थीसिया देने पहले डॉक्टर पूरी मॉक ड्रिल करके ही फाइनल सर्जरी का फैसला लेंगे क्योंकि ये सर्जरी बहुत ही जोखिम भरी साबित होगी।
न्यूरो डॉक्टर दीपक गुप्ता के मुताबिक बच्चे जुड़े हुए हैं तो पूरा सेटअप डबल करना होगा और एक साथ 2 बच्चों की लिए सर्जरी का सेटअप तैयार करना ही चुनौती भरा है। उनके मुताबिक पहले बच्चों को पूरे टेस्ट होंगे और रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों के माता-पिता से बात करके सर्जरी होगी।