Edited By kamal,Updated: 01 May, 2018 04:32 PM
धार में आरक्षक भर्ती के दौरान सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मप्र सरकार को नोटिस भेज कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इतना ही नही आयोग ने मुख्य सचिव और डीआईजी को भी नोटिस भेजकर जवाब देने...
भोपाल : धार में आरक्षक भर्ती के दौरान सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मप्र सरकार को नोटिस भेज कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इतना ही नही आयोग ने मुख्य सचिव और डीआईजी को भी नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा है।
दूसरी तरफ सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरक्षकों की भर्ती मामले में दो पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया है। इसकी जानकारी मप्र के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह देते हुए अपने ट्वीट पर लिखा है कि धार में आरक्षकों की भर्ती मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए जिला पुलिस बल के निरीक्षक नानूराम वर्मा और एसएएफ दल के उप निरीक्षक नानूराम मोवेल को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया है।
आरक्षक भर्ती के दौरान सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में राजनीति भी गर्मा गई थी। सोमवार को राहुल गांधी ने सीने पर एससी-एसटी लिखने को संविधान पर हमला बताया था। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'भाजपा सरकार के जातिवादी रवैये ने देश की छाती पर छुरा मारा है। मध्यप्रदेश में युवाओं के सीने पर एससी-एसटी लिखकर देश के संविधान पर हमला किया है। ये भाजपा और आरएसएस की सोच है। यही सोच कभी दलितों के गले में हांडी टंगवाती थी, शरीर में झाडू बंधवाती थी, मंदिर में घुसने नहीं देती थी। हम इस सोच को हराएंगे।'
गौरतलब हैं कि धार जिला अस्पताल में आरक्षक के चयन के लिए अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण किया गया। इस दौरान आरक्षित वर्ग की ऊंचाई नापने में कोई गफलत न हो इसके लिए सभी के सीने पर उनकी जाति लिख दी गई।