नोटबंदी के दो सालः पास या फेल?

Edited By Yaspal,Updated: 09 Nov, 2018 10:00 PM

8 नवंबर को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का जो फैसला लिया था, उसे सरकार अभी तक अपनी उपलब्धि बता रही है। लेकिन नोटबंदी के कारण लाखों लोगों के काम छिन गए...

नई दिल्ली- (मनीष शर्मा) 8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का जो फैसला लिया था, उसे सरकार अभी तक अपनी उपलब्धि बता रही है। लेकिन नोटबंदी के कारण लाखों लोगों के काम छिन गए, बुरे वक़्त के लिए घरों की महिलाओं ने सालों से जो रकम जोड़ रखी थी, वो हवा हो गई, छोटे बच्चों के गुल्लक टूट गए, छोटे और मंझोले उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और कितनी जाने गईं। इस नुकसान की जवाबदेही क्या सरकार की नहीं है? यह कौन तय करेगा कि सरकार का यह फैसला सही था या गलत ?

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नोटबंदी के दौरान हुई मौतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोटबंदी के पचास दिनों के दौरान तकरीबन 80 मौतें हुईं। इनमें से चालीस मौतें शुरुआत के पहले हफ्ते में हो गई थीं। जब आरटीआई के जरिए सरकार से मौतों की जानकारी मांगी गई तो दो साल बाद भी सरकार इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाई।

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बेरोज़गारी बढ़ी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के मुताबिक:

  • इस साल अक्टूबर में देश में बेरोजगारी की दर 6.9 फीसदी पर पहुंच गई है, जो पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा है।
  • अक्टूबर 2018 में कुल 39.7 करोड़ लोगों के पास रोजगार थे, जो पिछले साल यानी अक्टूबर 2017 से 2.4 फीसदी कम है। अक्टूबर 2017 में यह आंकड़ा 40.7 करोड़ था।


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एसौचैम बिजकॉन सर्वेक्षण 2017 के मुताबिक:

  • अकेले राजस्थान में लगभग 10 हजार से ज्यादा मजदूरों की छंटनी हुई।
  • उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में चार लाख से अधिक लोगों के रोजगार छीन लिए गए।
  • छत्तीसगढ़ में 10,000 से ज्यादा कामगारों की स्टील उद्योग में छंटनी हुई।
  • छोटे और मझोले उद्योग घाटे में।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिकः

  • इन उद्योगों के लोन डिफॉल्टर्स का आंकड़ा 2017 के मुक़ाबले 2018 में दोगुना हो गया है।
  • 2017 में लोन डिफॉल्ट 8249 करोड़ रुपए था।
  • यह मार्च 2018 में बढ़कर 16118 करोड़ रुपए हो गया।
  • नोटबंदी के बाद कॉन्ट्रैक्ट लेबर को पेमेंट मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


लेकिन जब तक मोदी जी अपनी गलती ही नहीं मानेंगे तो वह कोई सजा स्वीकार कैसे करेंगे? सरकार भले ही अपनी गलती ना माने, जनता तो सब जानती है न। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 19.3 प्रतिशत 500 और 1000 के पुराने नोट वापस आ गए हैं। दावा किया गया था कि जो काला धन होगा, वो बैंक में नहीं आएगा, वो नष्ट हो जाएगा। आतंकवाद, काला धन, भ्रष्टाचार और जाली नोट की कमर टूट जाएगी,  सभी दावे बोगस निकले हैं, झूठे निकले हैं। हमें पता है कि देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। यह उन्होंने खुद ही कहा है।

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