Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2018 02:57 PM
संयुक्त अरब अमीरात में पूर्व नियोक्ता द्वारा गलत तरीके से भगोड़ा घोषित करने के बाद चार महीने से फंसी भारतीय महिला को अधिकारियों ने यहां से बाहर जाने की मंजूरी दे दी...
दुर्बइः संयुक्त अरब अमीरात में पूर्व नियोक्ता द्वारा गलत तरीके से भगोड़ा घोषित करने के बाद चार महीने से फंसी भारतीय महिला को अधिकारियों ने यहां से बाहर जाने की मंजूरी दे दी। इसके अलावा उसके द्वारा दिए गए शुल्क से कुछ राशि भी वापस कर दी। गल्फ न्यूज रिपोर्ट के अनुसार एक IT कंपनी में प्रशासनिक कार्यकारी के तौर काम करने के लिए बेंगलूर निवासी गीता कृष्णमूॢत 2015 में रोजगार वीजा पर UAE आई थी।
जनवरी 2017 में वह भारत छुट्टियों पर गई थी। इसी दौरान उसकी कंपनी बंद हो गई जिस कारण वह वापस नहीं आई। इस साल मार्च में गीता भारत में स्थित यूएई दूतावास गई। उसने अपना रोजगार वीजा रद्द करा दिया और नौकरी खोजने के लिए एक महीने का भ्रमण वीजा लेकर UAE गई। नौकरी पाने में असफल रहने पर उसने वापस आने का फैसला किया। रिपोर्ट में बताया गया कि गीता को दुबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया क्योंकि पूर्व नियोक्ता ने उसे फरार के तौर पर सूचीबद्ध कराया दिया था।
गीता ने बताया कि नियोक्ता से संपर्क करने पर उसने 10000 दिरहम (1,87,014 रुपए) मांगें। उसने दोस्त से पैसा लेकर वकील किया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। अंतत: वह दुबई में जनरल डायरेक्ट्रेट आफ रेजीडेंसी एंड फारेनर्स अफेयर्स (GDRFA ) के पास गई और 220 दिरहम जुर्माना एवं 520 दिरहम अपनी फाइल से फरार का लेबल हटाने का शुल्क दिया। GDRFA के अधिकारियों ने उसके मामले को देखा और एक घंटे के अंदर बाहर जाने की अनुमति दे दी। साथ ही उसे उनके अदा किए गए शुल्क में से 500 दिरहम भी वापस कर दिए।