Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 24 Jul, 2019 11:39 PM
आतंकवाद के प्रति जीरों टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए 8 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019 (UAPA) पेश किया था
नई दिल्लीः आतंकवाद के प्रति जीरों टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए 8 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019 (UAPA) पेश किया था। लंबी बहस के बाद बुधवार को यह पारित हो गया। हालांकि इस बिल के विरोध में कांग्रेस ने लोकसभा से वाकऑउट कर लिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग की थी जिसे नकार दिया गया। अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पास होने से एऩआइए को मजबूती मिलेगी और आतंकियों पर नकेल कसेगी।
बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद बंदूक से नहीं उन्माद से पैदा होता है। एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने अमरोहा केस को लेकर गृह मंत्री पर सवाल दागे। सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, सीआरपीसी के तहत अगर किसी को गलत तरीके से गिरफ्तार किया जाता है तो क्या ऐसे कानून को खत्म कर देना चाहिए। फिर भी अगर कोई अपने वोट बैंक के चलते वॉक आउट कर रहा तो वह कुछ नहीं कर सकते।
ओवैसी ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
ओवैसी ने इस बिल पर चर्चा के दौरान कहा, बिल को लाने के लिए मुख्य दोषी कांग्रेस है। जब वे सत्ता में आते हैं तो वे भाजपा के बड़े भाई बन जाते हैं और जब सत्ता खो देते हैं तो मुसलमानों के बड़े भाई बन जाते हैं। जब कोई कांग्रेसी गिरफ्तार होगा तब उन्हें पता चलेगा। ओवैसी ने भाजपा सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस विधेयक से अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा। किसी को भी केवल संदेह के आधार पर आतंकी नहीं ठहराया जा सकता।
अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि यह बिल को लेकर कौन आया था? इस बिल के प्रावधानों को किसने सख्त बनाया? असलियत यह है कि कांग्रेस शासन के दौरान यह बिल आया था। उस समय आपने बिल के संबंध में जो कुछ किया वो भी सही था और आज हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं वो भी सही है। शाह ने कहा कि देश के सामने कई खतरे हैं। क्या आप लोग इसे नहीं देख पा रहे।
क्या है यूएपीए एक्ट
यूएपीए एक्ट का प्रमुख उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ होने वाली गतिविधियों पर रोक लगाना है। संशोधित विधेयक के अनुसार,
- अब एनआइए अधिकारी को जांच के दौरान संपत्तियों को जब्त करने के लिए पुलिस महानिदेशक के स्थान पर एऩआइए महानिदेशक की अनुमति लेनी होगी।
- यह बिल एनआइए इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारी य़ा इससे बड़े अधिकारी को जांच का अधिकार देता है।
- अब सरकार किसी संगठन के साथ-साथ व्यक्ति को भी आतंकी घोषित कर सकती है।