उद्धव ठाकरे ने बताया क्या CM बनना चूक थी? क्यों सुनाई दो पेड़ों के झड़ते पत्तों की कहानी

Edited By Yaspal,Updated: 26 Jul, 2022 08:33 PM

uddhav thackeray told whether becoming cm was a mistake

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पार्टी के बागी नेताओं की तुलना पेड़ के ‘सड़े हुए पत्तों' से की। ठाकरे ने कहा कि चुनाव के बाद पता चल जाएगा कि लोग किसका समर्थन करते हैं

नेशनल डेस्कः शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पार्टी के बागी नेताओं की तुलना पेड़ के ‘सड़े हुए पत्तों' से की। ठाकरे ने कहा कि चुनाव के बाद पता चल जाएगा कि लोग किसका समर्थन करते हैं। मुख्यमंत्री पद से पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' के साथ पहले साक्षात्कार में उद्धव ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं पर अत्यधिक भरोसा करना उनकी गलती थी।

सामना के कार्यकारी संपादक तथा शिवसेना के सांसद संजय राउत ने एक स्टूडियो में ठाकरे के साथ साक्षात्कार किया। उन्होंने पार्टी से बगावत करने वाले नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग अपनी तुलना बाला साहेब ठाकरे से कर रहे हैं,जो उनकी ‘‘राक्षसी महात्वाकांक्षा और लालच (सत्ता का)'' दिखाता है।

महाराष्ट्र में उद्धव के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के कारण गिर गई थी। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए के घटक दल हैं। शिंदे ने बाद में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने।

उद्धव ने कहा, ‘‘ये विद्रोही पेड़ के सड़े हुए पत्तों की तरह हैं और इन्हें झड़ ही जाना चाहिए। यह पेड़ के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इसी के बाद नए पत्ते उगते हैं।'' बागी नेताओं का दावा है कि वे असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस बारे में उद्धव ने कहा कि चुनाव होने दीजिए और फिर देखते हैं कि लोग किसे चुनते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लोग या तो हमारे पक्ष में मतदान करेंगे या फिर उन्हें वोट देंगे। यह हमेशा के लिए स्पष्ट हो जाएगा।''

यह पूछे जाने पर कि बगावत के लिए किसे दोष दिया जा सकता है, उद्धव ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मैंने शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं पर बहुत अधिक विश्वास कर लिया। इतने लंबे समय तक उन पर भरोसा करना मेरी गलती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने जिस प्रकार सरदार पटेल की विरासत को कांग्रेस से पृथक करने की कोशिश की, उसी तरह वह शिवसेना की स्थापना करने वाले मेरे दिवंगत पिता बालासाहेब ठाकरे और पार्टी का नाता तोड़ने का प्रयास कर रही है।''

उद्धव ने कहा ये नेता भरोसेमंद नहीं हैं और ये शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच मूल रूप से अंदरूनी कलह पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी गठबंधन राजनीति में एक अच्छी पहल थी। उद्धव ने कहा, ‘‘अगर यह गठबंधन लोगों को गलत लगता तो वे इसके खिलाफ आवाज उठाते। महा विकास आघाड़ी सरकार में हमारे मन में एक-दूसरे के प्रति सम्मान था।''

ठाकरे ने शिंदे का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कुछ लोग अपनी तुलना बाला साहेब ठाकरे से कर रहे हैं,जो उनकी ‘‘राक्षसी महात्वाकांक्षा और लालच (सत्ता का) दिखाता है।'' उन्होंने कहा,‘‘ वर्तमान के समझौते के अनुसार मैं उनसे (भाजपा) पूछना चाहता हूं कि 2019 में जो मैंने मांग की थी और जो वह अब कर रही है, उसमें अंतर क्या है। मैंने शिवसेना के लिए मुख्यमंत्री पद ढाई वर्षों के लिए ही मांगा था।''

वहीं ठाकरे के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि वह ‘‘फिक्स्ड मैच'' नहीं देखते। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर यह ताजा मैच होता जो मैं इस पर प्रतिक्रिया देता।'' भाजपा नेता आशीष सेलार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को ‘‘सूखे पत्ते'' कहना बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने प्रश्न किया, ‘‘ राकांपा नेता सुप्रिया सुले क्या इस पर अब टिप्पणी करेंगी?'' जब एमवीए सरकार सत्ता में थी तब सुले ने कई बार भाजपा से ठाकरे को निशाना नहीं बनाने का अनुरोध किया था और कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।

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