Edited By shukdev,Updated: 08 Dec, 2019 08:01 PM
भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे ने रविवार को महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार को एक ‘अस्थायी'' सरकार बताया जो केवल ‘रोक के आदेश'' जारी कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार निजी हितों के लिए एक साथ आई है और...
मुम्बई: भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे ने रविवार को महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार को एक ‘अस्थायी' सरकार बताया जो केवल ‘रोक के आदेश' जारी कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार निजी हितों के लिए एक साथ आई है और सरकार बनने के दस दिन बाद भी अभी तक मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं हुआ है। राणे ने अपने गृह जिले सिंधूदुर्ग में कहा कि कांग्रेस राकांपा शिवसेना सरकार लंबे समय नहीं चलेगी क्योंकि ये पार्टियां केवल अपने निजी हितों की रक्षा के लिए एकसाथ आई हैं।
उन्होंने कहा,‘यह जनता की सरकार नहीं है, वास्तव में यह एक ‘रोक का आदेश'देने वाली सरकार है। यह सरकार लंबे समय नहीं चलेगी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस केवल अपने निजी हितों के लिए साथ आई हैं।'ठाकरे ने सत्ता में आने के बाद कई बड़ी आधारभूत परियोजनाओं की समीक्षा का आदेश दिया है। इन परियोजनाओं में करोड़ों डालर लागत वाली मुम्बई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भी शामिल है। उन्होंने साथ ही मेट्रो लाइन - तीन के काम पर भी रोक लगा दी है। राणे ने दावा किया, ‘10 दिन बीत चुके हैं (28 नवम्बर को शपथग्रहण के बाद) लेकिन शपथ लेने वाले छह मंत्रियों को अभी तक प्रभारों का आवंटन नहीं हुआ है। अभी तक जनता के हित में एक भी निर्णय नहीं किया गया है। यह सरकार राज्य के लिए ठीक नहीं है।'
उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें संवैधानिक पद संभालने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख को ‘नौकरशाही के बारे में कोई समझ नहीं है।' उन्होंने कहा,‘इस सरकार के कामकाज के तरीके से राज्य में विकास कार्य रुक सकते हैं।' भाजपा और शिवसेना ने अक्टूबर में विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था और 288 सदस्यीय विधानसभा में संयुक्त रूप से 161 सीटें जीती थीं। यद्यपि मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर गतिरोध के चलते दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार बनाई थी।