Edited By Tanuja,Updated: 20 Aug, 2018 01:41 PM
इस महीने की शुरुआत में लंदन के ट्रैफलगार चौक पर खालिस्तान के समर्थन में आयोजित रैली के मुद्दे से ब्रिटेन सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। सिख्स फॉर जस्टिस नाम के अलगाववादी संगठन ने गत 12 अगस्त को तथाकथित लंदन घोषणा जनमत संग्रह 2020 रैली आयोजित की थी...
लंदनः इस महीने की शुरुआत में लंदन के ट्रैफलगार चौक पर खालिस्तान के समर्थन में आयोजित रैली के मुद्दे से ब्रिटेन सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। सिख्स फॉर जस्टिस नाम के अलगाववादी संगठन ने गत 12 अगस्त को तथाकथित लंदन घोषणा जनमत संग्रह 2020 रैली आयोजित की थी जिससे राजनयिक विवाद खड़ा हो गया था ।
इस मुद्दे पर ब्रिटेन को लताड़ते हुए भारत ने कहा था कि उसे हिंसा, अलगाववाद और घृणा फैलाने वाले समूहों को इस तरह के कार्यक्रम की अनुमति देने से पहले द्विपक्षीय संबंधों का ध्यान रखना चाहिए था। ब्रिटेन सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'हालांकि हमने रैली होने की अनुमति दी, लेकिन इसे किसी के समर्थन या किसी के खिलाफ हमारे विचार के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।' 'सिखों के आत्मनिर्णय के अभियान' पर सिख्स फॉर जस्टिस और ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफ सी ओ) के बीच पत्राचार की खबरों के बाद यह टिप्पणी आई।
सिख्स फॉर जस्टिस और ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधियों के बीच किसी संक्षिप्त बैठक की संभावना को नकारते हुए एफ सी ओ ने कहा कि वह सभी संबंधित पक्षों को मतभेदों का समाधान वार्ता के जरिए करने को प्रोत्साहित करता है। एफ सी ओ कार्यालय में भारत के लिए अनाम डेस्क अधिकारी की ओर से 17 अगस्त को लिखे गए पत्र में कहा गया कि ब्रिटेन सभा करने और अपने विचार व्यक्त करने के लिए लोगों के स्वतंत्र होने की अपनी दीर्घकालिक परंपरा पर गर्व करता है।