Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Jul, 2022 08:37 PM
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि उल्फा (आई) मुद्दा उनके राज्य का एक अंदरूनी मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह पूरे पूर्वोत्तर का मुद्दा नहीं है।
नेशनल डेस्क: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि उल्फा (आई) मुद्दा उनके राज्य का एक अंदरूनी मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह पूरे पूर्वोत्तर का मुद्दा नहीं है। सरमा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर की समस्याओं को हल करने के इच्छुक हैं, ताकि क्षेत्र प्रगति और समृद्धि की राह में एकजुट रह सके।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिबंधित उल्फा (आई) का मुद्दा जल्द सुलझने की उम्मीद है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित नहीं है, बल्कि यह असम का ‘आंतरिक मामला' है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सीमा विवाद, बाढ़, विद्युतीकरण से संबंधित मुद्दे, संचार, इंटरनेट संपर्क और अन्य मुद्दे पूर्वोत्तर से संबंधित हैं। हम इनसे निपटने जा रहे हैं और इस क्षेत्र को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप मजबूत और समृद्ध बनाने जा रहे हैं।''
सरमा ने कहा कि उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ असम को एक अलग नजरिए से देखते हैं, जबकि सरकार इसे एक निश्चित तरीके से देखती हैं और बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रतिबंधित संगठन के साथ जल्द बातचीत होगी या नहीं।