Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Mar, 2020 10:56 AM
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया। जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया। जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया। गत 10 मार्च को 50 साल के हुए अब्दुल्ला ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद, 232 दिन हिरासत में गुजारे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को पूर्व में एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में पांच फरवरी को उन पर पीएसए लगा दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुसार, जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और धारा 35ए को हटाये जाने के बाद उमर अब्दुल्ला को राज्य के कई अन्य बड़े राजनीतिक नेताओं के साथ ही घर में नजरबंद कर दिया गया था। श्री अब्दुल्ला पर कुछ दिन पहले सार्वजनिक सुरक्षा कानून पीएसए लगाया गया था। कुछ दिन पहले ही उमर अब्दुल्ला के पिता नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष और सांसद फारुख अब्दुल्ला को भी रिहा गया किया गया था।
अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई पर याचिरा दायर की थी। इस पर 18 मार्च सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि- 'यदि आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिये अन्यथा हम इस मामले की गुणदोष के आधार पर सुनवाई करेंगे।' जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा था कि अगर अब्दुल्ला को जल्दी रिहा नहीं किया गया तो वह इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगी।