Edited By Tanuja,Updated: 28 Jul, 2020 01:41 PM
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने सिख समुदाय और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक आंतकवादियों द्वारा किए गए हमलों का दस्तावेज तैयार किया है ..
संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने सिख समुदाय और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक आंतकवादियों द्वारा किए गए हमलों का दस्तावेज तैयार किया है और कहा कि युद्धग्रस्त देश में 2020 की पहली छमाही में 3,400 से अधिक नागरिक हताहत हुए हैं। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) की ‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविलियन इन आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट' मध्य वर्ष रिपोर्ट में कहा कि 2020 की पहली छमाही में अफगानिस्तान में नागरिकों पर हिंसा के स्तर में उतार-चढ़ाव देखा गया।
इस दौरान 3,458 नागरिक हताहत हुए, जिनमें से 1282 लोग मारे गए औा 2176 घायल हुए हैं । रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ यूएनएएमए अफगानिस्तान में ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट -खोरासन प्रोवेंस' (आईएसआईएल-केपी) द्वारा सिख और शिया मुस्लिम आबादी पर किए हमलों का अकलन भी कर रहा है।'' रिपोर्ट में कहा गया कि 3,458 लोगों के हताहत होने के आंकड़े 2019 की पहली छमाही के आंकड़ों की तुलना में 13 प्रतिशत कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान और अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की वजह से नागरिकों के हताहत होने की संख्या में कमी नहीं आई है और इसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय सैन्य बलों और आईएसआईएल-के प्रांत में कम अभियान चलाना है। यूएनएएमए ने अपनी रिपोर्ट में सरकार विरोधी तत्वों (एजीई) को भी इस हिंसा के जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि 58 प्रतिशत नागरिक एजीई द्वारा अंजाम दी गई हिंसा में हताहत हुए, जिनमें से 580 लोगों की मौत और 893 के घायल होने के लिए तालिबान जिम्मेदार हैं।