Edited By Anil dev,Updated: 21 Aug, 2018 11:25 AM
बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मूलरूप से समस्तीपुर बिहार निवासी शशि भूषण उर्फ मनीष...
नई दिल्ली, 20 अगस्त (नवोदय टाइम्स): बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मूलरूप से समस्तीपुर बिहार निवासी शशि भूषण उर्फ मनीष (26),किंग्सवे कैम्प निवासी संदीप सिधाना (36) व छतरपुर निवासी शीतल कुमार (30) के तौर पर हुई है। इनमें दो आरोपी के पास तो सिविल इंजीनियरिंग और ग्रेजुएशन की डिग्री है। यह गैंग दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और बिहार में सक्रिय था। पुलिस का दावा है कि गैंग प्रत्येक उम्मीदवार से नौकरी का झांसा देकर 6 लाख की रकम ठगा करता था। जबकि इनके पास से तीन लैपटॉप, 10 मोबाइल, एक सीआरवी कार, फर्जी नियुक्ति पत्र, स्टैम्प आदि सामान बरामद हुआ हैं।
रेलवे में भर्ती कराने का झांसा: एडिशनल सीपी राजीव रंजन ने बताया कि गत 3 जनवरी को केशव नामक व्यक्ति ने नौकरी दिलाने के नाम पर 24 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया। शिकायतकर्ता ने बताया कि मार्च वर्ष 2016 में वह एक कॉमन फ्रेंड के जरिये मनीष के संपर्क में आया था, जिसने उसके कजन को इंडियन रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। इस एवज में उससे 6 लाख की रकम ठग ली, साथ ही तीन अन्य से 18 लाख रुपए लिये गए। एसीपी श्वेता चौहान के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अभिनेन्द्र, एएसआई लखविंदर, गुरचरण सिंह, शैलेंद्र, आनंद पाल, हेड कांस्टेबल राजेश, रविंद्र और दिनेश आदि की टीम तहकीकात में जुट गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस गैंग का सरगना मनीष है जो बिहार भाग गया है। पुलिस ने 5 अगस्त को मनीष को पटना से दबोच लिया। उसे दिल्ली लाकर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। इसकी निशानदेही पर उसके दो साथियों संदीप को साकेत और शीतल को सराय काले खां इलाके से पकड़ा।
थमा देते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
जांच में मालूम हुआ है कि गैंग फर्जी मेडिकल टेस्ट करवा कर इंटरव्यू से लेकर नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया करते थे। साल 2012 में शशि भूषण सरकारी नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। लेकिन वह अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सका। संदीप ने दिल्ली में खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रखी है तो, वहीं शीतल ने चेन्नई से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रखा है। उसके पिता चेन्नई में बैंक मैनेजर हैं। अब पुलिस इनसे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है आखिर यह गैंग अब तक कितने बेरोजगार युवकों को ठगी का शिकार बना चुका है।