UN की रिपोर्ट में दावा- भारत में हर दो मिनट में होती है 3 बच्चों की मौत

Edited By Anil dev,Updated: 19 Sep, 2018 01:10 PM

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संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक संस्था के अनुसार भारत में औसतन हर दो मिनट में तीन नवजातों की मौत हो जाती है। इसके पीछे के कारणों में पानी, स्वच्छता, उचित पोषाहार और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। भारत में वर्ष 2017 में 8,02,000 बच्चों की मौत...

नई दिल्ली (एजेंसी): संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक संस्था के अनुसार, भारत में औसतन हर दो मिनट में तीन नवजातों की मौत हो जाती है। इसके पीछे के कारणों में पानी, स्वच्छता, उचित पोषाहार और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। भारत में वर्ष 2017 में 8,02,000 बच्चों की मौत हुई और यह आंकड़ा पांच वर्ष में सबसे कम है। शिशु मृत्यु दर अनुमान पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (यूएनआईजीएमई) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया है। 

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2017 में 6,05,000 नवजात शिशुओं की मौत की गई है दर्ज
यूएनआईजीएमई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2017 में 6,05,000 नवजात शिशुओं की मौत दर्ज की गई, जबकि पांच से 14 साल आयु वर्ग के 1,52,000 बच्चों की मृत्यु हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत में करीब 8,02,000 बच्चों की मौत दर्ज की गई। यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि यासमीन अली हक ने कहा है कि शिशु मृत्यु दर के मामले में भारत में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
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ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत में जन्म से लेकर पांच वर्ष आयु वर्ग तक के बच्चों की मृत्यु दर इसकी इसी आयु वर्ग के जन्म दर के समान है। अस्पतालों में प्रसव में वृद्धि, नवजात शिशुओं के देखभाल के लिए सुविधाओं का विकास और टीकाकरण बेहतर होने से शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है।  नवजात शिशु मृत्यु दर 2016 में 8.67 लाख के मुकाबले कम होकर 2017 में 8.02 लाख हो गई। 2016 में भारत में शिशु मृत्यु दर 44 शिशु प्रति 1,000 थी।

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