Edited By Archna Sethi,Updated: 23 Jul, 2024 06:42 PM
केंद्रीय बजट पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण-बादल
चंडीगढ़/23जुलाई : (अर्चना सेठी) शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि केंद्रीय बजट 2024 पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण है और राज्य की किसी भी मांग को पूरा करने में विफल रहा है। यहां बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा,‘‘ राज्य के किसानों के लिए बेहद आवश्यक विविधीकरण यां कर्ज माफी के लिए कोई आवंटन नही किया गया है। यह इस तथ्य के बावजूद किया गया है कि भूजल की कमी अब तक के सबसे निचले स्तर पर है और यह महसूस किया जा रहा है कि किसानों को धान की खेती से दूसरी फसल की तरह प्रोत्साहित करने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। यह भी बेहद निंदनीय है कि पंजाब के किसानों के लिए कर्ज माफी के लिए कोई भी फंड आवंटित नहीं किए गए हैं, जो कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं और यहां तक कि हताश होकर आत्महत्या भी कर रहे हैं।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने और सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए फंड आवंटित करने में भी नाकाम रही है। उन्होने कहा,‘‘ पंजाब और पूरे देश में किसान परेशान हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि यह स्वामीनाथन आयोग के अनुसार प्रदान किया जाना चाहिए, जिसने फसलों के उत्पादन की व्यापक लागत के साथ 50 फीसदी लाभ को ध्यान में रखते हुए एमएसपी तय करने की सिफारिश की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र को भी असहाय छोड़ दिया गया है। उन्होने कहा कि पंजाब के लिए कोई टैक्स में रियायत की घोषणा नही की गई है, जबकि पड़ोसी राज्यों को दिए गए प्रोत्साहनों के कारण यहां का उद्योग पंगु हो गया है।बादल ने कहा,‘‘ गरीओं और नौजवानों को ठगा गया है। मनरेगा में कोई बढ़ोतरी नही की गई। आय की असमानता को दूर करने के लिए कुछ भी नही किया गया है। यहां तक कि 5000 रूपये प्रति माह की अप्रेंटिसशिप योजना भी दिखावा ही है, क्योंकि युवा इस टोकन राशि का लाभ उठाने के लिए बड़ी कंपनियों में शामिल नही हो पाएंगें।’’
बादल ने कहा कि ऐसा लगता है कि गठबंधन की मजबूरियां राष्ट्रीय हितों पर हावी हो गई हैं। उन्होंने कहा,‘‘ सरकार को सहारा देने वाले प्रमुख सहयोगियों को एकतरफा जिस तरह से फंड आवंटित किए गए हैं, उसने कई प्रमुख राज्यों को धन से वंचित कर दिया है। इसकी समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि बाॅर्डर वाला इलाका होने के नाते पंजाब की इस तरह से अनदेखी नहीं की जा सकती है।’’