Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 11:17 AM
शायद ही आपने देखा होगा कि वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नलों पर अपनी गाड़ियों को बंद करते हैं, अमूमन ऐसा बहुत कम होता है। सिग्नलों पर वाहनों के चालू रहने से ईंधन की बर्बादी होती है और व्यस्त यातायात जंक्शनों के आसपास वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है। इस अजीब...
मुंबई: शायद ही आपने देखा होगा कि वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नलों पर अपनी गाड़ियों को बंद करते हैं, अमूमन ऐसा बहुत कम होता है। सिग्नलों पर वाहनों के चालू रहने से ईंधन की बर्बादी होती है और व्यस्त यातायात जंक्शनों के आसपास वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है। इस अजीब समस्या को हल करने के लिए मुंबई की 19 वर्षीय शिवानी खोट और उसकी छोटी बहन ईशा (14) ने एक अनोखा उपाय सुझाया है। उनका कहना है कि ट्रैफिक सिग्नलों पर लाल, पीली, हरी बत्तियों के साथ-साथ एक ‘नीली’ बत्ती भी लगाई जाए। इस नूतन पहल के अनुसार ट्रैफिक सिग्नलों पर अगर नीली बत्ती जली होगी तो वाहन चालकों को अपनी गाड़ी अनिवार्य रूप से बंद करनी पड़ेगी।
लाल बत्ती जलने के 5 सैकेंड के बाद यह नीली बत्ती जल जाएगी और बत्ती हरी होने से 5 सैकेंड पहले यह बंद हो जाएगी, जिसका संकेत यह होगा कि आप अपना वाहन चालू कर लें और चलने के लिए तैयार हो जाएं। एस.के. सोमैया कालेज में मनोविज्ञान की छात्रा शिवानी खोट ने बताया कि सिग्नलों पर इंजन चलते रहने से ईंधन की भारी बर्बादी होती है। हमें लगता है कि नए सिग्नल लगाकर हम इन चीजों को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के केवल 8 व्यस्त चौराहों पर भी अगर वाहनों के इंजन बंद कर दिए जाएं तो इससे 70 करोड़ रुपए के ईंधन की बचत होगी। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सी.आर.आर.आई.) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उसने कहा कि केवल इन 8 जंक्शनों पर ही करीब 28,750 टन कार्बन उत्सर्जित होता है, जिसे महज वाहनों के इंजन बंद कर देने से कम किया जा सकता है।