Edited By Tanuja,Updated: 03 Dec, 2020 12:10 PM
हजारों साल से भारतीय उपमहाद्वीप समेत पूरी दुनिया में भांग का इस्तेमाल नशे और दवा के रूप में किया जा रहा है। लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र ..
इंटरनेशनल डेस्कः हजारों साल से भारतीय उपमहाद्वीप समेत पूरी दुनिया में भांग का इस्तेमाल नशे और दवा के रूप में किया जा रहा है। लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र संघ में हुए अमेरिका के स्पोर्ट से ऐतिहासिक मतदान में अंतत: भांग को दवा के रूप में मान्यता दे दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने इसे मादक पदार्थों की सूची से हटा दिया है। इससे पहले ऐसा कहा जाता था कि भांग का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक है। संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थो की सूची में हेरोइन के साथ भांग भी शामिल थी।
गैर मेडिकल इस्तेमाल अभी भी प्रतिबंधित
संयुक्त राष्ट्र में दवा के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद भी भांग का गैर मेडिकल इस्तेमाल अभी भी प्रतिबंधित है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित मादक पदार्थों की लिस्ट से निकाले जाने के लिए मतदान हुआ। इसमें 27 सदस्यों ने पक्ष में और 25 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। ऐतिहासिक वोटिंग के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया जबकि भारत-पाकिस्तान इसके विरोध में एकजुट नजर आए । नाइजीरिया और रूस ने भी इस बदलाव का विरोध किया। संयुक्त राष्ट्र के मान्यता के बाद उन देशों को इससे लाभ होगा जहां पर भांग की दवा की मांग बढ़ रही है। साथ ही अब भांग के दवा के रूप में इस्तेमाल के लिए शोध बढ़ सकता है।
50 से ज्यादा देशों में भांग के इलाज को मान्यता
चीन में 15वीं शताब्दी ईसापूर्व में चीन में और मिस्र तथा प्राचीन यूनान में भांग का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मान्यता देने के बाद अब यह और ज्यादा देशों को भांग को दवा के रूप में इस्तेमाल के लिए प्रेरित कर सकता है। दुनियाभर में 50 से ज्यादा देशों में भांग के इलाज के लिए इस्तेमाल को मान्यता दी गई है। कनाडा, उरुग्वे और अमेरिका के 15 राज्यों में शौकिया तौर पर भांग के इस्तेमाल को मान्यता दी गई है।
भारत में भांग का इस्तेमाल धड़ल्ले से
बता दें कि भारत में भांग का इस्तेमाल हजारों साल से हो रहा है। भांग का धार्मिक कर्मकांडों में भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है। होली पर तो इसकी डिमांड और ज्यादा बढ़ जाती है। अब मैक्सिको और लग्जमबर्ग भी भांग को मान्यता देने जा रहे हैं।