Edited By Yaspal,Updated: 13 Aug, 2024 07:44 AM
समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने अपने प्रभारियों की सोमवार को घोषणा कर दी। कांग्रेस ने सभी 10 सीटों जबकि सपा ने छह सीटों पर प्रभारी घोषित किए हैं।
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने अपने प्रभारियों की सोमवार को घोषणा कर दी। कांग्रेस ने सभी 10 सीटों जबकि सपा ने छह सीटों पर प्रभारी घोषित किए हैं। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव कटेहरी (अंबेडकर नगर) सीट के प्रभारी होंगे, जबकि फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद और विधान परिषद में विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव मिल्कीपुर सीट (अयोध्या) के प्रभारी होंगे। इसी तरह, पार्टी सांसद वीरेंद्र सिंह को मझवा (मिर्जापुर) सीट का प्रभारी बनाया गया है, पूर्व मंत्री चंद्रदेव यादव करहल (मैनपुरी) के प्रभारी होंगे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक इंद्रजीत सरोज फूलपुर सीट (प्रयागराज) के प्रभारी बनाये गये हैं। इसके अलावा विधायक राजेंद्र कुमार को सीसामऊ सीट (कानपुर नगर) के उपचुनाव के लिए जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस ने किशोरीलाल शर्मा को दी बड़ी जिम्मेदारी
उधर, कांग्रेस ने भी उपचुनाव के लिए प्रभारियों का ऐलान कर दिया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि कांग्रेस ने पार्टी सांसदों किशोरी लाल शर्मा, इमरान मसूद, राकेश राठौड़, तनुज पुनिया, उज्जवल रमण सिंह को क्रमश: सीसामऊ, मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद और फूलपुर सीटों का प्रभारी घोषित किया है। उन्होंने बताया कि पार्टी विधायक वीरेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार रावत और लोकसभा चुनाव लड़क चुके रामनाथ सिकरवार को क्रमशः मझवां, कटेहरी, मिल्कीपुर, खैर और करहल सीटों का प्रभारी नियुक्त किया गया है। सपा और कांग्रेस इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन के सहयोगी हैं और दोनों ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था।
दोनों पार्टियां मिलकर लड़ सकती हैं चुनाव
माना जा रहा है कि इन 10 सीटों का उपचुनाव भी दोनों पार्टियों साथ मिलकर ही लड़ेंगी। उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। इन सीटों में से नौ सीट लोकसभा चुनाव में सपा विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट सपा के इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में जेल की सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है। हालांकि इन सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है। खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं।
वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं। मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी। करहल सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है, जबकि कटेहरी (अंबेडकर नगर) सीट पार्टी के लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुने जाने के कारण खाली हुई है।
सपा नेता अवधेश प्रसाद के अयोध्या से लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उन्हें मिल्कीपुर (अयोध्या) सीट से इस्तीफा देना पड़ा, जबकि सपा नेता जिया उर रहमान बर्क की मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट उनके संभल से लोकसभा में चुने जाने के कारण खाली हुई है। राष्ट्रीय लोकदल के चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा में चुने जाने के बाद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विनोद कुमार बिंद ने भदोही से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट छोड़ दी है। भाजपा के अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा के प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया।