Edited By Yaspal,Updated: 12 Apr, 2020 09:50 PM
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मुसलमानों से रमजान के दौरान भी लॉकडाउन का पालन करने और दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने की खास दुआ करने की अपील करते हुए इस सिलसिले में एक परामर्श जारी की है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना...
लखनऊः इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मुसलमानों से रमजान के दौरान भी लॉकडाउन का पालन करने और दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने की खास दुआ करने की अपील करते हुए इस सिलसिले में एक परामर्श जारी की है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रविवार को जारी परामर्श में कहा, ‘‘इबादतों से भरपूर रमजान का महीना ऐसे वक्त पड़ रहा है जब देश और पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है।''
मौलाना रशीद फरंगी ने कहा, ‘‘सरकार ने लॉकडाउन की समय सीमा 14 अप्रैल तय की थी लेकिन ऐसा अनुमान है कि इस महामारी पर काबू पाने के लिए इसकी मियाद और बढ़ाई जाएगी। उम्मीद है कि आगामी 24 अप्रैल को रमजान उल मुबारक का चांद दिखाई पड़ेगा और 25 अप्रैल को पहला रोजा होगा। सभी मुसलमानों से गुजारिश है कि वे रमजान में भी लॉकडाउन का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।''
मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि सभी मुसलमान सारे रोजे रखें और रमजान में खासकर इफ्तार के वक्त कोरोना के खात्मे के लिए खास दुआ जरूर करें। उन्होंने परामर्श में कहा, ‘‘जो लोग हर साल मस्जिद में गरीबों के लिए इफ्तारी का आयोजन करते थे, वे इसे इस साल भी करें लेकिन उस खाने को जरूरतमंदों में बांट दें।''
मौलाना फिरंगी महली ने कहा, ‘‘इसके अलावा जो लोग हर साल रमजान में इफ्तार पार्टियां करते थे, वे भी इस पर खर्च होने वाली रकम या फिर उसके राशन को गरीबों में बांट दें। तमाम रोजेदार इस बात को सुनिश्चित करें कि रमजान के मुबारक महीने में कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।'' परमार्श में कहा गया, ‘‘ रमजान में लोग तरावीह भी जरूर पढ़ें मगर मस्जिद में एक वक्त में पांच से ज्यादा लोग जमा ना हों। बाकी लोग अपने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा करें।''